राजस्थान के अलवर जिले में हुए एक मासूम के हत्याकांड का खुलासा दो साल बाद पुलिस ने किया तो सनसनी मच गई. मासूम की मौत के बाद दो साल से अपने भाई का घर संभाल रही बहन ही कातिल निकली. अंधविश्वास से अंधी एक बुआ अपने ही भतीजे की हत्यारिन बन गई. बेटे की लालसा में महज एक सपना देखकर इस कदर पागलपन की शिकार हुई की भतीजे की बलि चढ़ा दी. पुलिस आरोपी महिला सहित तीन लोगों को गिरफ्तार करके उनसे पूछताछ कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश के रहने वाले मुकेश किराए पर अलवर जिले के शाहजहांपुर कस्बे में रह रहा था. दो साल पहले मुकेश के 9 साल के बेटे करण का शव तालाब में तैरता हुआ मिला था. इसकी रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाई गई. पुलिस इस हत्याकांड की जांच कर रही थी. इस मामले का भंडाफोड़ करते हुए मृतक की बुआ और उसके पति सहित 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. रिश्तों को कलंकित करने वाली इस वारदात को बेटा पाने के लिए अंजाम दिया गया है.
आरोपी बुआ गिरजा देवी ने पुलिस को बताया कि उसको तीन दिन तक एक बाबा सपने में दिखाई दिए. उसने देवी मां के मंदिर में एक बच्चे की बलि देने के बाद पुत्र रत्न की प्राप्ति की बात कही. इसके बाद पति गोविन्ददास ने अपने दोस्त सतेंद्र और अनिरुद को पैसे का लालच देकर इस षड्यंत्र में शामिल किया. इसके बाद बुआ बिस्किट और चप्पल दिलाने के बहाने बच्चे को घर से लेकर आई. रायसर गांव के तालाब के पास झाड़ियों में बच्चे की बलि दे दी गई.
बलि के बाद पास के देवी मां के मंदिर में जाकर बच्चे को देवी मां पर चढाया. इसके बाद शव को तालाब में फेंक दिया. दो साल से लगातार हत्यारी बहन अपने भाई का घर संभाल रही है. इस मामले की जांच कर रही पुलिस ने गिरिजा देवी और उसके पति गोविन्द दास और सतेंद्र को गिरफ्तार कर लिया, जबकि अनिरुद अभी फरार है. थाना प्रभारी राजेश कुमार ने बताया कि दो साल पहले हुई इस हत्याकांड का भंडाफोड़ किया गया है.