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देशभर में वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी, गौतम नवलखा घर में नजरबंद

आपको बता दें कि साल की शुरुआत में पुणे के भीमा कोरेगांव इलाके में काफी हिंसा हुई थी. इस दौरान कई दिनों तक शहर जलता रहा था. लंबे समय बाद इस मामले में पुलिस की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई है.

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File Photo
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भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में देश के कई हिस्सों में मंगलवार को पुणे पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने कई एक्टिविस्ट और माओवादी नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की. ये छापेमारी महाराष्ट्र, गोवा, तेलंगाना, दिल्ली और झारखंड में की गई. पुणे पुलिस ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी की.

गिरफ्तार किए गए दलित एक्टिविस्ट गौतम नवलखा को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत मिल गई है, लेकिन यह सिर्फ एक दिन के लिए है. हाईकोर्ट बुधवार सुबह फिर से नवलखा की याचिका पर सुनवाई करेगा. हाईकोर्ट ने आज साकेत कोर्ट की ओर से पुणे पुलिस को दी गई ट्रांजिट रिमांड पर एक दिन का स्टे लगा दिया. पुणे पुलिस ने नवलखा को गिरफ्तार करके साकेत कोर्ट में पेश किया था जिस पर कोर्ट ने 48 घंटे के ट्रांजिट रिमांड पर आरोपी नवलखा को भेज दिया था.

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लेकिन हाईकोर्ट ने अपने आदेश में इस पर रोक लगा दी और नवलखा को एक दिन के हाउस रिमांड पर भेज दिया. हाउस रिमांड के दौरान वह किसी बाहरी शख्स से नहीं मिल सकेंगे. इस दौरान अपने वकीलों से मुलाकात कर सकते हैं. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के दो अधिकारी और पुणे पुलिस उन पर नजर रखेगी.

पुणे पुलिस की ओर से अब तक कुल 5 गिरफ्तारियां की गई हैं. दिल्ली, हरियाणा और हैदराबाद से 1-1 गिरफ्तारी की गई जबकि मुंबई से 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया. दलित एक्टविस्ट गौतम नवलखा, वरवरा राव, सुधा भारद्वाज, अरुण फरेरिया और वरनोन गोंजालवेस गिरफ्तार किए गए लोग हैं.

दूसरी ओर, वरवरा राव को हैदराबाद के गांधी अस्पताल में मेडिकल चेकअप के बाद नाम्पैली कोर्ट में उन्हें पेश किया गया. उनकी गिरफ्तारी के दौरान वहां काफी भीड़ एकत्र हो गई थी. मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील सुधा भारद्वाज को फरीदाबाद जिला अदालत में पेश किया गया. पुणे पुलिस ने उन्हें ट्रांजिट रिमांड लिया है.

दिल्ली में भी छापेमारी

पुलिस ने मंगलवार को राजधानी दिल्ली में भी इसी मामले को लेकर छापेमारी की. दिल्ली में पुलिस गौतम नवलखा को अपने साथ गाड़ी में बैठाकर ले गई, इसके अलावा उनके घर से लैपटॉप-कागजात को भी सीज किया गया. पुलिस ने गौतम नवलखा को साकेत कोर्ट में पेश किया.

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वहीं, दिल्ली के बदरपुर में ही वकील सुधा भारद्वाज को भी हिरासत में लिया गया है. उनके भी लैपटॉप, फोन, पेन ड्राइव सीज किए गए हैं. पुलिस ने सुधा से उनके सभी ईमेल के एक्सेस देने को कहा है. सुधा के साथ-साथ उनकी बेटी अनु भारद्वाज के ईमेल, सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी भी मांगी गई है. यहां तक की पुलिस ने उनकी बेटी अनु के फोन के अलावा सोशल मीडिया में फेसबुक और इंस्टाग्राम समेत सभी तरह के एक्सेज ले लिया है.

पुलिस ने हैदराबाद में कवि, वामपंथी विचारक और एक्टिविस्ट वरवरा राव के घर पर भी छापेमारी की, इस दौरान वहां पर काफी संख्या में भीड़ भी एकत्रित हो गई.

पुणे में अरुण फरेरिया के घर छापे

इसके अलावा पुणे में भी भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में छापेमारी की. ये छापेमारी एक्टिविस्ट अरुण फरेरिया के घर ठाणे में की गई. बताया जा रहा है कि पहले वे मुंबई में रहते थे.

अरुण फरेरिया ने आजतक से बात करते हुए कहा कि सुबह 6 बजे से उनके घर पर रेड चल रही है, लेकिन उन्हें अभी ये नहीं पता है कि पुलिस सिर्फ छानबीन करेगी या फिर गिरफ्तार भी करेगी. उन्होंने कहा कि वह बिल्कुल निर्दोष हैं.

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अरुण फरेरिया की पत्नी ने कहा कि जब तक ये छापेमारी चल रही है, तबतक वे कोई बात नहीं कर सकते हैं. गौरतलब है कि अरुण को पहले भी कई बार गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन हर बार वह बाहर आ जाते हैं. अरुण पिछले काफी समय से मुंबई में कई आंदोलनों में हिस्सा लेते आ रहे हैं.

आपको बता दें कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में जून में हुई गिरफ्तारी में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे. पुलिस का दावा था कि तब गिरफ्तार कई लोगों के पास से ऐसी चिट्ठी मिली थी, जिसमें ये लिखा था कि नक्सली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रच रहे थे. नक्सली पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तरह ही पीएम मोदी की हत्या करना चाहते थे.

क्या था चिट्ठी में...

दरअसल, इस साल जून में माओवादियों की एक चिट्ठी सामने आई थी, जिसमें राजीव गांधी की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने का खुलासा हुआ था. 18 अप्रैल को रोणा जैकब द्वारा कॉमरेड प्रकाश को लिखी गई चिट्ठी में कहा गया कि हिंदू फासिस्म को हराना अब काफी जरूरी हो गया है. मोदी की अगुवाई में हिंदू फासिस्ट काफी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, ऐसे में इन्हें रोकना जरूरी हो गया है.

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इसमें लिखा गया था कि मोदी की अगुवाई में बीजेपी बिहार और बंगाल को छोड़ करीब 15 से ज्यादा राज्यों में सत्ता में आ चुकी है. अगर इसी तरह ये रफ्तार आगे बढ़ती रही, तो माओवादी पार्टी को खतरा हो सकता है. इसलिए वह सोच रहे हैं कि एक और राजीव गांधी हत्याकांड की तरह घटना की जाए.

इस चिट्ठी में कहा गया कि अगर ऐसा होता है, तो ये एक तरह से सुसाइड अटैक लगेगा. हमें लगता है कि हमारे पास ये चांस है. मोदी के रोड शो को टारगेट करना एक अच्छी प्लानिंग हो सकती है.

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