क्रिकेट मैच शुरू हुआ नहीं कि सट्टे का खेल शुरू हो जाता है. दिल्ली और एनसीआर के इलाके में सटोरी अपना धंधा चमकाने में जुट जाते हैं और साथ ही पुलिस से बचने के लिए तमाम हथकंडे भी अपनाते हैं. नोएडा में तो पुलिस से बचने के लिए सटोरियों का एक गैंग मोबाइल हो गया था. वो कभी किसी फ्लैट से अपना धंधा चलाता तो कभी किसी दूसरी जगह से, लेकिन जब वो पकड़े गए तो उस वक्त उन सबने नोएडा के सेक्टर 18 के पास की झुग्गी बस्ती में अपना डेरा बना रखा था.
नोएडा की थाना सेक्टर 20 पुलिस को जानकारी मिली कि सेक्टर 18 डीएलएफ मॉल के पास बनी झुग्गी-झोपड़ी में मोबाइल द्वारा ऑनलाइन सट्टा लगवाया जा रहा है. पुलिस को पहले तो यकीन नहीं हुआ और हैरत भी हुई कि आखिर झुग्गी बस्ती से ऑनलाइन सट्टा कौन खिलवा रहा है. इसके बाद पुलिस ने टीम बना कर झुग्गी पर छापा मारा तो जानकारी सही साबित हुई.
आनलाइन सट्टा रैकेट की मास्टरमाइंड एक महिला
झुग्गी के अंदर से बैठकर एक बड़ा ऑनलाइन सट्टा रैकेट चलाया जा रहा था, जिसकी मास्टरमाइंड एक महिला थी. पुलिस के पहुंचने के पहले ही फरार हो गई थी, लेकिन पुलिस ने मौके से 3 लोगों पकड़ लिया. पकड़ में आने वाले सटोरियों के नाम राजेश, रनवीर और किशोर हैं .मोबाइल फोन के जरिए सट्टा लगवाते थे
पुलिस ने जब इनसे पूछताछ की तो पता लगा कि इनकी सरगना हेमा नाम की महिला है जो पुलिस के आने के ठीक पहले गायब हो गई थी. राजेश ने पुलिस को बताया कि हेमा, पूरे सट्टा रैकेट को चलाती थी और उसी की योजना से ये लोग चलते थे कि कब, कहां ठिकाना बनाना है. ये लोग मोबाइल फोन के जरिए सट्टा लगवाते थे, पुलिस ने इनके पास से तीन मोबाइल फोन बरामद किए हैं. वहां एक रजिस्टर भी मिला है जिसमें लेन देन का पूरे ब्यौरा है. अब पुलिस हेमा की तलाश में है ताकि पता लगाया जा सके की ये रैकेट कितना बड़ा है.