उन्होंने कोर्ट में अपनी गवाही की शुरुआत करते हुए कहा, 'मैंने साल 1991 में ग्रेजुएशन कर ली थी. इसके बाद अगस्त 1991 में मास्टर्स इन जर्नलिज्म के लिए अमेरिका चली गई. वहां से वापस आने के बाद मैंने कई मीडिया संस्थान में बतौर पत्रकार काम किया. मेरी पहली जॉब साल 1994 में एशियन ऐज से शुरू हुई.'
प्रिया रमानी ने अदालत को बताया, 'जब मैं नवंबर 1993 में अमेरिका से मास्टर्स इन जर्नलिज्म करके वापस भारत आई, तो पत्रकारिता में नौकरी की तलाश शुरू की. मैंने मशहूर संपादक एमजे अकबर के बारे में सुना था. मैं अकबर के आर्टिकल पढ़कर बड़ी हुई थी और वो मेरे प्रोफेशनल हीरो में से एक थे. मैं सीवी लेकर एशियन ऐज अखबार के मुंबई ऑफिस गई थी. उस दिन एमजे अकबर मुंबई ऑफिस आए थे और मैं उनसे मिली थी. इसके बाद उसी दिन एमजे अकबर ने मुझको शाम 7 बजे ओबेरॉय होटल में इंटरव्यू के लिए बुलाया था. मैंने हां कर दी और मैं बस पकड़कर ओबेरॉय होटल के लिए रवाना हो गई.'
प्रिया रमानी ने अपनी गवाही में कहा, 'अकबर से मिलने ओबेरॉय होटल जाने से पहले मैंने अपनी दोस्त निलुफर वेंकटरमन को बुलाया था और इंटरव्यू की तैयारी में मदद मांगी थी. इसके बाद मैं निलुफर वेंकटरमन की मां के ऑफिस गई और हम दोनों ने इंटरव्यू को लेकर चर्चा की. वेंकटरमन की मां का ऑफिस ओबेरॉय होटल के पास ही था. इसके बाद निलुफर वेंकटरमन ने मुझको ओबेरॉय होटल छोड़ दिया.'
अकबर ने मुझको अपने बेडरूम में बुलाया
प्रिया रमानी ने कहा, 'जब मैं होटल पहुंची तो लॉबी के आसपास देखने लगी. मुझको उम्मीद थी कि अकबर होटल की लॉबी में मिलेंगे. हालांकि जब मैंने उनको होटल के लॉबी में नहीं पाया तो रिसेप्शन में जाकर अकबर से बात कराने को कहा. उन्होंने फोन पर मुझसे बात की और अपने रूम में बुलाया. मैं खामोश हो गई और हिचकिचाने लगी. इसके बाद अकबर ने जोर देकर मुझको रूम में आने को कहा.
हालांकि वह रूम नहीं, बल्कि अकबर का बेडरूम था. मुझको ऐसी उम्मीद नहीं थी. मुझको लग रहा था कि मेरा इंटरव्यू कॉफी शॉप या फिर होटल लॉबी में होगा. इन सबके बावजूद मैं न कहने का साहस नहीं कर पाई. मैं असहज थी, लेकिन फिर भी अकबर के बेडरूम में गई. मैंने उनके रूम की बेल बजाई और अकबर ने जवाब दिया और फिर मैं अंदर चली गई.'
बेडरूम में अकबर ने पूछा- ब्वॉयफ्रेंड है या नहीं
प्रिया रमानी ने बताया, 'अकबर के बेडरूम में मैं अकेली थी. इस दौरान मुझसे अकबर ने विदेश में जाकर पढ़ाई करने से लेकर तमाम निजी सवाल किए. अकबर ने यह भी सवाल किया कि मेरी शादी हुई है या नहीं? मेरा कोई ब्वॉयफ्रेंड है या नहीं, लेकिन इन सबका जवाब मैंने न में दिया. इसके बाद अकबर ने मेरे परिवार के बारे में कई सवाल किए.'
रमानी बोलीं- अकबर ने ऑफर किया शराब
प्रिया रमानी ने अपनी गवाही में कहा, 'अकबर ने अपने बेडरूम में मुझको शराब ऑफर की. लेकिन मैंने पीने से इनकार कर दिया. इसके बाद अकबर ने खुद शराब पी. फिर अकबर ने मुझसे पसंदीदा म्यूजिक को लेकर सवाल किया और जब मैंने जवाब दिया तो वह पुराने हिंदी गाने गाने लगे. इन सब घटनाओं से मैं खुद को बेहद असहज महसूस कर रही थी. उन्होंने मुझसे लेखन की कला, करेंट अफेयर और पत्रकारिता के बारे में चर्चा नहीं की. इसके बाद अकबर बेडरूम में रखे सोफा पर जाकर बैठ गए और छोटी सी जगह में मुझको आकर बैठने को कहा.'
रमानी ने कोर्ट में दिए बयान में कहा, 'मैं पहले से ही सहमी हुई थी, जब अकबर ने आकर बैठने को कहा, तो मैं अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हो गई. मुझको लगा कि अकबर का बेडरूम छोड़कर फौरन निकल जाना चाहिए. इसके बाद मैं खड़ी हुई और कहा कि मुझको जाना होगा. इसके बाद मैं वहां से टैक्सी पकड़कर निकल गई और अपनी दोस्त निलुफर वेंकटरमन को अकबर के बर्ताव के बारे में बताया, तो वो हैरान रह गई.
मैंने यह घटना अपने परिवार वालों को नहीं बताई, क्योंकि अगर उनको इसकी जानकारी मिलती तो वो मुझको जॉब नहीं करने देते. इसके बाद मैं एशियन ऐज अखबार ज्वॉइन करने को लेकर असहज थी, लेकिन यह मेरी पहली जॉब थी और अनुभव नहीं था. लिहाजा मुझको नौकरी ज्वॉइन करनी पड़ी. हालांकि इसके बाद मैं अकबर से अकेले में कभी नहीं मिली. मेरी उनसे मुलाकात सिर्फ मीटिंग के दौरान ही हुई.'