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दूसरा कसाबः आजतक पर आतंकी का कबूलनामा, पाकिस्तान फिर बेनकाब

भारतीय सेना के हाथ लगे लश्कर के आतंकी मोहम्मद अामिर ने एक बार फिर पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब कर दिया है. महज 18 साल की उम्र का यह आतंकी कराची, पाकिस्तान का रहने वाला है. खास बात ये है कि भारतीय सेना के हाथ आये इस आतंकी ने हाफिज और लखवी जैसे आतंकवादियों की एकेडमी से ट्रेनिंग ली है.

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सेना के हत्थे चढ़ा लश्कर आतंकी
सेना के हत्थे चढ़ा लश्कर आतंकी

भारतीय सेना के हाथ लगे लश्कर के आतंकी मोहम्मद अामिर ने एक बार फिर पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब कर दिया है. महज 18 साल की उम्र का यह आतंकी कराची, पाकिस्तान का रहने वाला है. खास बात ये है कि भारतीय सेना के हाथ आये इस आतंकी ने हाफिज और लखवी जैसे आतंकवादियों की एकेडमी से ट्रेनिंग ली है.

आजतक ने लिया है आतंक के खिलाड़ी का खास इंटरव्यू, जो आतंकवाद का स्टेडियम बन चुके पाकिस्तान के छक्के छुड़ा देगा. आजतक को दिए इंटरव्यू में आतंक का ये खिलाड़ी एक के बाद एक जिस तरह पाकिस्तान पर बाउंसरों की बौछार करता है. उससे बच पाना आतंकवादियों के हेड कोच पाकिस्तान के लिए भी मुश्किल हो जाएगा.

आजतक पर आतंक के पाकिस्तानी खिलाड़ी की लाइव एंड एक्सक्लूसिव रनिंग कमेंट्री सुनकर लोग दंग हैं. पाकिस्तान की टेरर मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री से निकले इस जिंदा आतंकी के ऑन कैमरा कबूलनामे ने उस टेरर टीम की पूरी पोल खोल दी है. जिसका कप्तान पाकिस्तान की सरकार है, उपकप्तान वहां की सेना, जिसके लिए विकेटकीपिंग आईएसआई करती है और जिसमें हाफिज-लखवी-मसूद अजहर जैसे प्लेयर हैं.

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इस जिंदा आतंकी ने सिलसिलेवार बताया कि कैसे हाफिज-लखवी के गुरुकूल में दहशतगर्दी के संपोले तैयार किए जाते हैं. और कैसे शुरु होती है गुरबत और गरीबी से जूझते जरूरतमंदों को आतंक के ट्रैंप मे फंसाने की साजिश. ये लड़का पाकिस्तान की आंखों देखी असलियत सबके सामने बता रहा है.

इसका पूरा नाम है मोहम्मद अामिर उर्फ अबु हमास. इसकी उम्र अभी 18 साल है. और इसका पता- हाउस नंबर-776, गली नंबर-14, मोहल्ला-पावर हाउस, महाजार कैंप, कराची, पाकिस्तान है. ये लडका कराची में कबाड बेचता था. बाप बीमार था. 6 भाई-बहनों का बड़ा परिवार था. हाथ खाली थे, सिर पर जिम्मेदारी थी. आतंक की फैक्ट्री के लिए इससे बेहतर कच्चा माल और क्या हो सकता था. कराची में सक्रिय लश्कर की रिक्रूटमेंट यूनिट ने इसे फंसाने का काम शुरु कर दिया.

इस लड़के के मुताबिक उसे लश्कर के आतंकियों ने 4 हजार रुपये दिए. इसके बाद हाफिज-लखवी के लर्निंग इंस्टीट्यूट में 18 साल के लड़के को लड़ाकू बनाने की कहानी शुरू हो गई. पहले जरूरमंतों को फंदे में लेना. फिर उसके दिमाग में इस्लाम के नाम पर नफरत की अफीम भरना और जब उसका दिमाग मुट्ठी में आ जाए तो उसे खूनखराबे की उंची तालीम देना ही लश्कर का काम है, जिसके लिए इस जैसे लड़कों को ट्रेनिंग अड्डों पर भेज दिया जाता है.

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इस आतंकी लड़के ने सुरक्षा एजेंसियों के सामने लश्कर के ट्रेनिंग कोर्स की पूरी डिटेल बक दी. कैसे इसे एके-47 चलाना सिखाया गया. कैसे हाफिज सईद-लखवी के नफरत भरे भाषण सुना-सुनाकर इसके दिमाग को सुन्न किया गया. जिंदा आंतकी ने और भी बहुत कुछ बताया जिसे सुनकर आप इस नतीजे पर पहुंचेंगे कि कश्मीर घाटी में आतंकियों के विकेट चटकाने का सिलसिला जारी रखना होगा क्योंकि जब तक हाफिज-लखवी जैसे दुश्मनों का ट्रेनिंग सेंटर सुरक्षित है, कश्मीर से आतंक का सफाया संभव नहीं है.

आपके लिए ये जानना जरूरी है कि कश्मीर में आतंक की फसल लगाने के लिए पाकिस्तान की हुकूमत और उसके कैसे जरूरतमंद नौजवानों को फंसाते हैं. उनके दिमाग में नफरत का खाद-बीज डालते हैं. ट्रेनिंग कैंप में इस आतंकी को पूरी तरह रंगरूट में ढाल दिया गया. बम से लेकर एके-47 तक चलाने की ट्रेनिंग दी गई. इसके दिमाग में भारत के खिलाफ नफरत ठूंस दी गई.

इस जिंदा आतंकी ने पाकिस्तानी हुकूमत, आईएसआई और हाफिज-लखवी जैसे शैतानों के अपवित्र गठबंधन के बारे में वो सच बताया जिसे जानता तो पाकिस्तान भी है लेकिन मानता नहीं. इसने आईएसआई के बारे में भी खुलासा किया और आतंकियों की मददगार पाकिस्तानी सेना के बारे में भी बताया. उसने बताया कि घुसपैठ के वक्त कैसे आतंकियों को कवर फायरिंग दी जाती है ताकि हमारे जवानों को उलझाया जा सके.

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इस आतंकी को भी पूरी तैयारी के साथ भेजा गया था. उन तमाम सामानों के साथ जिनके जरिए ये भारत में अपने पांव जमा सके. लेकिन ये आतंकी सेना के हत्थे चढ़ गया. इस आतंकी ने इतनी डिटेल बताई है कि जिससे ये साफ हो रहा है कि कश्मीर में पाकिस्तान से इंपोर्ट किए गए आतंकियों का बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है. उन सबको पाकिस्तान से हुक्म मिलता है. पहले कसाब और अब ये जिंदा आतंकी. कब तक सच से मुंह छिपाता रहेगा पाकिस्तान?

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