केरल के त्रिवेंद्रम में शनिवार की देर रात हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता की हत्या के मामले में पांच लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. इस घटना के विरोध में भाजपा ने रविवार को राज्यव्यापी हड़ताल का आहवान किया है. इस घटना के एक दिन बाद केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने केरल में राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर होने वाले हमलों पर चिंता जताते हुए कहा कि लोकतंत्र में राजनीतिक हिंसा अस्वीकार्य है. गृहमंत्री ने इस मामले में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन बात की है.
मुख्यमंत्री कार्यालय ने फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा है कि राज्य सरकार आरोपी के खिलाफ कार्वाई करेगी, फिर चाहे वह कोई भी हों. राजनाथ सिंह ने इस रूख पर संतोष जताया है. एक हिस्ट्रीशीटर अपराधी के नेतृत्व वाले एक गिरोह ने शनिवार देर रात आरएसएस के 34 वर्षीय कार्यवाह राजेश पर हमला कर उनकी हत्या कर दी. उनका बायां हाथ काट दिया गया और उनके शरीर पर कई घाव थे. हिरासत में लिए गए लोगों में मामले का मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर बदमाश भी शामिल है.
पुलिस आयुक्त जी. एस. कुमार ने बताया कि पांच लोग पुलिस हिरासत में लिए गए हैं. आरोपियों से पूछताछ चल रही है. इसके बाद ही पता चलेगा कि कितने लोग वारदात में शामिल थे. राज्य पुलिस प्रमुख लोकनाथ बेहेरा ने लोगों से अपील किया है कि वह अफवाहें फैलाने, भड़काऊ संदेश, बयान, फोटो और वीडियो शेयर करने से बचें. यदि ऐसा कोई करता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स व्हाट्सऐप और फेसबुक ग्रुप पर नजर बनाए हुए है.
एहतियात के तौर पर शहर के सभी संवेदनशील जगहों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. इस घटना के विरोध में भाजपा द्वारा आहूत राज्यव्यापी हड़ताल लगभग पूरी तरह सफल रहा है. सरकारी और निजी बसें सड़कों से नदारद रहीं, दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. राज्य के कुछ हिस्सों से वाहनों पर पथराव की छिटपुट घटनाओं की सूचना है. वहीं, इस हड़ताल से अनजान लोग जब रेलवे स्टेशन पर उतरे तो उनके लिए अपने घर पहुंचना मुश्किल हो गया.
पुलिस ने पहले से लागू निषेधाज्ञा को और तीन दिन के लिए बढ़ाते हुए इसे दो अगस्त तक के लिए लागू कर दिया है. राजधानी में प्रदर्शनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. केरल भाजपा के अध्यक्ष कुम्मनम राजशेखरन का आरोप है कि हमले के पीछे माकपा का हाथ है. हत्या को बर्बर करार देते हुए उन्होंने कहा कि यह आरएसएस और भाजपा को खत्म करने के लिए की जा रही विनाश की राजनीति है. इस मामले को प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के समक्ष उठाएगी.