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राजस्थान: बीजेपी के वाट्सऐप ग्रुप में पूर्व मंत्री ने भेजे अश्लील वीडियो, केस दर्ज

राजस्थान में बीजेपी के पूर्व मंत्री और पूर्व मुख्य सचेतक कालू लाल गुर्जर के मोबाइल से बीजेपी समेत अन्य ग्रुप में अश्लील वीडियो वाट्सऐपसे भेजने के कारण राजनीतिक गलियारों में तहलका मचा हुआ है.

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सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)
सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)

  • बीजेपी नेता ने अश्लील वीडियो सेंड किए
  • इस मामले में पुलिस ने दर्ज किया केस

राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता कालू लाल गुर्जर के मोबाइल से बीजेपी समेत कई दूसरे ग्रुप्स में अश्लील वीडियो भेजने का मामला सामने आया है. इस घटना के बाद कालू लाल गुर्जर के खिलाफ केस भी दर्ज करवाया गया है.

दरअसल, राजस्थान में बीजेपी के पूर्व मंत्री और पूर्व मुख्य सचेतक कालू लाल गुर्जर के मोबाइल से बीजेपी समेत अन्य ग्रुप में अश्लील वीडियो वाट्सऐप से भेजने के कारण राजनीतिक गलियारों में तहलका मचा हुआ है. कालू लाल गुर्जर के फोन से कई ग्रुप में अश्लील वीडियो भेजे जाने के कारण इस मामले में बीजेपी के पूर्व पदाधिकारी ने मांडल पुलिस थाने में गुर्जर के खिलाफ केस भी दर्ज करावाया है.

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बीजेपी किसान मोर्चा के पूर्व जिला उपाध्‍यक्ष कमलेश गुढ्ढा ने कहा, 'पूर्व मुख्‍य सचेतक कालू लाल गुर्जर हमारे एक ग्रुप 'हम साथ-साथ हैं' से जुड़े हुए हैं. उन्‍होंने इस ग्रुप में कुछ अश्‍लील वीडियो पोस्‍ट कर दिए. जिसके कारण आज मैंने उनके खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है.'

राजनीतिक षड्यंत्र

वहीं इस मामले को पूर्व मुख्‍य सचेतक कालू लाल गुर्जर ने राजनीतिक षड्यंत्र बताया. उन्होंने कहा कि मुझे किसी ने फोन करके सूचना दी कि आपके नंबर से अश्‍लील वीडियो ग्रुप में भेज गए हैं. इस पर जब मैंने अपने मोबाइल में देखा तो यह सही पाया गया. मेरी छवि खराब करने के लिए ऐसा किया गया है.

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कालू लाल गुर्जर ने कहा कि मुझसे मिलने कई व्‍यक्ति आते हैं और हो सकता है कि उनमें से ही किसी ने मेरे मोबाइल से यह वीडियो भेजे होंगे, ताकि मेरी राजनीतिक छवि खराब हो. गुर्जर ने यह भी कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में जिन लोगों ने मुझे हराने का काम किया था, वही लोग इस षड्यंत्र में शामिल हो सकते हैं क्योंकि उन्हें डर है कि आगामी विधानसभा चुनाव में साफ छवि के कारण कहीं मुझे टिकट न मिल जाए.

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हालांकि अब इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. भीलवाड़ा में मांडल थानाधिकारी राजेंद्र गोधारा ने कहा कि हमने इस मामले में धारा 67, 67 ए और आईटी एक्‍ट के तहत केस दर्ज किया है.

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