जेसिका लाल की हत्या के 19 साल के बाद जेल की सजा काट रहे हत्यारे को जेसिका की बहन सबरीना ने माफ कर दिया है. सबरीना ने जेल अधिकारियों को बोल दिया है कि अगर जेसिका की हत्या करने वाले मनु शर्मा को जेल से रिहा कर दिया जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन सबरीना की माफी के बावजूद मनु शर्मा की रिहाई इतनी आसान नहीं होगी.
सूत्रों ने 'आजतक' को बताया है कि लेफ्टिनेंट गवर्नर के पास अंतिम अधिकार है, जो मनु शर्मा के भाग्य का फैसला करेगा. मनु शर्मा अप्रैल, 1999 में जेसिका लाल की हत्या के लिए 15 साल से अधिक अधिक समय से जेल में है.
जेसिका की बहन सबरीना ने एक महीने पहले तिहाड़ जेल के एक पत्र के जवाब में कहा था कि अगर उसे जेल से रिहा किया जाता है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है. एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पहले सेंटेन्स रिव्यू बोर्ड (एसआरबी) मनु शर्मा के मामले की जांच करेगा, जिसमें जेल में उसके आचरण, पुलिस रिपोर्ट और सामाजिक कार्य की रिपोर्ट शामिल होगी. बाद में, अगर एसआरबी रिहाई को मंजूरी दे देता है, तो एलजी को रिपोर्ट भेजी जाएगी जो कि रिहाई पर फ़ैसला लेंगे.
मॉडल जेसिका लाल की हत्या के चर्चित मामले में मौत के करीब 19 साल बाद उनकी बहन सबरीना लाल ने कहा है कि उन्होंने हत्यारे मनु शर्मा उर्फ सिद्धार्थ वशिष्ठ को माफ कर दिया है. उन्होंने तिहाड़ जेल को लिखे पत्र में कहा है कि उन्हें मनु शर्मा के जेल से छोड़े जाने पर कोई दिक्कत नहीं है. मनु जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.
जेसिका की बहन ने लिखा कि उन्हें बताया गया है कि मनु बीते वक्त में चैरिटी और कैदियों की मदद के लिए जेल में अच्छा काम कर रहा है और उन्हें लगता है कि ये बदलाव की तस्वीर है. पिछले महीने सेंट्रल जेल नं. 2 के वेलफेयर ऑफिसर के पत्र का जवाब देते हुए सबरीना ने लिखा है, चूंकि उसने 15 साल की सजा काट ली है, इसलिए मुझे उसके जेल से छोड़े जाने पर कोई ऐतराज नहीं है.
आजतक से बात करते हुए, सबरीना ने कहा है कि मैं इसे भूलकर आगे बढ़ रही हूं. मैं अपनी जिंदगी पर काम करना चाहती हूं. मैं और कोई गुस्सा या दुख नहीं रखना चाहती. मुझे नहीं लगता कि अब और कुछ करना चाहिए.
गुरुग्राम में रहने वाली सबरीना ने विक्टिम वेलफेयर फंड से आर्थिक सहायता लेने से इनकार कर दिया और कहा कि ये उन्हें दिया जाए जिन्हें इसकी अधिक जरूरत है. मनु शर्मा 15 साल जेल में रह चुका है. पिछले छह महीने से वह ओपन जेल में है. 'अच्छे काम, अनुशासन और आचरण' में रहने की वजह से मनु शर्मा जेल से रिहाई की मांग कर सकता है.
दिसंबर 2006 में दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट का आदेश पलटकर 1999 में हुई हत्या के मामले में मनु शर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इस मामले पर देश पर में प्रदर्शन हुए थे और इंसाफ की मांग की गई थी दिल्ली के एक रेस्त्रां में 29 अप्रैल 1999 की रात को जेसिका की हत्या कर दी गई थी जब उन्होंने शराब परोसने से मना कर दिया था. मनु शर्मा के पिता तब एक प्रभावशाली नेता की हैसियत रखते थे.