scorecardresearch
 

आतंक का काठमांडू कनेक्शन: जांच एजेंसियों के रडार पर नेपाल इस्लामिक संघ

बाटला हाउस एनकाउंटर के बाद फरार आतंकी आरिज उर्फ जुनैद और सिमी के आतंकी सुभान तौकीर की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. आज तक/इंडिया टुडे ने दोनों की ही इंटरोगेशन रिपोर्ट हासिल कर ली है.

Advertisement
X
नेपाल इस्लामिक संघ के बारे में सनसनीखेज खुलासा
नेपाल इस्लामिक संघ के बारे में सनसनीखेज खुलासा

बाटला हाउस एनकाउंटर के बाद फरार आतंकी आरिज उर्फ जुनैद और सिमी के आतंकी सुभान तौकीर की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. आजतक/इंडिया टुडे ने दोनों की ही इंटरोगेशन रिपोर्ट हासिल कर ली है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत से फरार होने के बाद दोनों ही आतंकी काठमांडू पहुंचे. वहां नेपाल इस्लामिक संघ के एक सदस्य निजामुद्दीन उर्फ निजाम खान ने दोनों का फर्जी पासपोर्ट बनवाया और दोनों को छिपने का ठिकाना दिया.

जांच एजेंसियों के रडार पर आया निजाम खान नेपाल के विराट नगर में रहता है और मनी एक्चेंजर का काम करता है. उसने ही हिंदुस्तान से फरार होने के बाद दोनों ही आतंकियों को नेपाल बार्डर पर बकायदा गाड़ी भेज कर एंट्री करवाई थी. निजाम सऊदी और पाकिस्तान के कई लोगों से संपर्क में है. सूत्रों की माने तो नेपाल इस्लामिक संगठन में सिमी के कई एक्स मेंम्बर हैं. इस संगठन को हवाला के जरिए सउदी अरब और पाकिस्तान से पैसे मिलते हैं.

Advertisement

पूछताछ में खुलासा हुआ की नेपाल इस्लामिक संगठन के ही एक और सदस्य अब्दुल गफूर ने भी दोनों ही आतंकियों की काफी मदद की है. उनको सऊदी अरब भेजा, जहां दोनों ने मीटिंग करके भारत में नए सिरे से आतंकी माड्यूल खड़ा करने की प्लानिंग की थी. बाटला हाउस एनकाउंटर के बाद फरार आरिज और सिमी का आतंकी सुभान नेपाल इस्लामिक संघ के ही एक स्कूल में पढ़ाते थे. संगठन के कई सदस्य भारत के कई इलाकों में आते जाते हैं.

सूत्रों के मुताबिक, आईएम और सिमी के कई सदस्य अब भी नेपाल में छिपे हुए हैं. इंडियन मुजाहिद्दीन का कमांडर यासिन भटकल भी नेपाल में कई दिनों तक छिपा हुआ था. उसकी गिरफ्तारी भी नेपाल से हुई थी. सूत्रों के मुताबिक नेपाल इस्लामिक संगठन यूं तो एक एनजीओ है. कहने को ये संगठन नेपाल में इस्लाम प्रचार के अलावा लोगों की मदद करने के लिए बनाया गया है, लेकिन बीते कुछ सालों से ये संगठन नेपाल में तेजी से पैर पसार रहा है.

हिंदुस्तान से फरार आतंकियों को पनाह

इतना ही नहीं हिंदुस्तान से फरार आतंकियों को पनाह दे रहा है. इस संगठन पर और निजाम खान पर नेपाल पुलिस के अलावा भारतीय सुरक्षा एजेंसियां में नजर बनाए हुए हैं. आरिज जुनैद से पूछताछ के मुताबिक, साल 2008 में बाटला हाउस एनकाउंर के बाद आरिज को हिंदुस्तान से फरार होने में कई लोगों ने मदद की थी. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या में दोषी आतंकी शहजाद ने खुलासा किया कि आरिज ने इसकी पुष्टि की है.

Advertisement

सपा नेता अबु आजमी ने दिए 10 हजार

आरिज जुनैद ने खुलासा किया कि बाटला हाऊस से फरार होने के बाद मुंबई में समाजवादी पार्टी के नेता अबु आजमी ने उसे और शहजाद को 10 हजार रुपये दिए थे. उनसे कहा था कि चार्जशीट होने के बाद उनका सरेंडर करवा देंगे. अबु आजमी रिश्ते में शहजाद के फूफा लगते हैं. शहजाद के इस खुलासे के बाद ये खबर उस वक्त भी मीडिया की सुर्खियां बनीं थी, लेकिन एनकाउंटर और उसके बाद होने वाली सियासत के बाद दिल्ली पुलिस बैक फूट पर थी.

Ex MLA ने भी दिए आतंकियों को पैसे

नोएडा में एक्स एमएलए अब्दुल सलाम ने भी दोनों आतंकियों को पैसे दिए और फरार होने में मदद की थी. फरार होने के दौरान दोनों जोधपुर भी गए, जहां शहजाद के मौसा ने पैसे दिए और दोनों को फरार होने में मदद की थी. ये मदद तब की जा रही थी, जब दोनों की ही तस्वीरें देश की तमाम मीडिया में चल रही थीं. दोनों अलीगढ़ में भी छिपे, जहां अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में बतौर कलर्क काम करने वाले एक शख्स ने दोनों को अपने वहां पनाह दी थी.

Advertisement
Advertisement