मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने पर गिरफ्तार लड़कियों ने हिरासत के दौरान दुर्व्यवहार के आरोप लगाए हैं. लड़कियों का आरोप है कि सेंट्रल जेल में उनका प्रेग्नेंसी टेस्ट करवाया गया.
बता दें कि पुलिस कांस्टेबल परीक्षा में महिला प्रतिभागियों को लंबाई में छूट दिए जाने की मांग को लेकर शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ प्रदर्शन करने को लेकर 9 लड़कियों को गिरफ्तार किया गया था.
ये लड़कियां अपनी मांग को लेकर तीन दिन से भोपाल के शाहजहांनी पार्क में उपवास कर रही थीं, मगर मुख्यमंत्री और सरकार की ओर से कोई पहल न किए जाने पर कुछ लड़कियां बुधवार की शाम मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में पहुंच गईं.इन लड़कियों ने बुधवार को राजधानी भोपाल के लाल परेड मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शिवराज सिंह चौहान के भाषण के दौरान हंगामा शुरू कर दिया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. लड़कियों का आरोप है कि वे मुख्यमंत्री से अपनी बात कहना चाह रही थीं, लेकिन मुख्यमंत्री ने उनकी बात सुनने की बजाय उन्हें धमकाया.
Bhopal: 9 girls arrested under section 151 (arrest to prevent commission of cognisable offences), for protesting against Madhya Pradesh CM over demand of height relaxation in police constable recruitment exams, alleged that the police at Central Jail misbehaved with them (15.6) pic.twitter.com/w3SVNAWd61
— ANI (@ANI) June 14, 2018
लड़कियों को गुरुवार को छोड़ दिया गया. पुलिस ने लड़कियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 151 के तहत केस दर्ज कर उन्हें सेंट्रल जेल में हिरासत में भेज दिया था. गुरुवार को जेल से छूटने के बाद लड़कियों ने अपने साथ दुर्व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए हैं.
लड़कियों का कहना है कि जेल में उनका प्रेग्नेंसी टेस्ट करवाया गया. उन्होंने यह भी कहा कि जेल के पुरुष कांस्टेबल महिलाओं के चेंजिंग रूम में ताकझांक कर रहे थे. साथ ही उनका यह आरोप है कि जेल में उन्हें हत्या जैसे संगीन अपराध करने वाले कैदियों के साथ रखा गया.
लड़कियों का कहना है कि जब मुख्यमंत्री ने खुद पुलिस कांस्टेबल परीक्षा में महिलाओं के लिए लंबाई में छूट देने का वादा किया था, तो उसकी मांग के लिए प्रदर्शन कर उन्होंने कौन सा अपराध कर दिया. बता दें की मध्य प्रदेश पुलिस कांस्टेबल परीक्षा में महिला प्रतिभागियों के लिए लंबाई की न्यूनतम सीमा 158 सेंटीमीटर है.