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नोएडा: CBSE पैनल चेक करेगी सुसाइड करने वाली छात्रा की कॉपी, दर्ज होगा दोस्तों का बयान

छात्रा जिन दो विषयों में फेल हुई थी, उन विषयों की कॉपी सील कर दी गई है. पुलिस ने CBSE से आग्रह किया है कि दोनों कॉपियों की दोबारा जांच के लिए एक पैनल का गठन किया जाए.

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 CBSE चेक करेगी खुदकुशी करने वाली छात्रा की कॉपी
CBSE चेक करेगी खुदकुशी करने वाली छात्रा की कॉपी

दिल्ली के एहल्कॉन स्कूल में नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली और मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या करने वाली नाबालिग छात्रा की कॉपियों की जांच अब CBSE का पैनल करेगा. नोएडा पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि छात्रा जिन दो विषयों में फेल हुई थी, उन विषयों की कॉपी सील कर दी गई है.

उल्लेखनीय है कि नोएडा पुलिस ने CBSE से आग्रह किया है कि दोनों कॉपियों की दोबारा जांच के लिए एक पैनल का गठन किया जाए, जिससे कि यह पता चल सके कि एहल्कॉन स्कूल के जिन दो शिक्षकों पर छात्रा को प्रताड़ित करने का आरोप है, उन्होंने ठीक से कॉपियों की जांच की थी या नहीं.

नोएडा पुलिस के इस कदम से अब इस बात का खुलासा हो जाएगा कि क्या पीड़ित लड़की सच में पढ़ने में कमजोर थी? क्या जिन दो विषयों में उसे फेल किया गया, उनमें उसने ठीक जवाब नहीं दिए थे.

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नोएडा पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि जिन अध्यापकों पर इशिका के माता-पिता ने कॉपी ठीक से चेक न कर उसे फेल करने का आरोप लगाया था, उन अध्यापकों ने इशिका की कॉपी चेक ही नहीं की थी. पुलिस ने दोनों आरोपी अध्यापकों का बयान भी दर्ज किया है.

आरोपी शिक्षकों ने दी सफाई

आरोपी शिक्षक राजेश ने खुद पर लगाए गए शारीरिक शोषण जैसे सभी आरोपों से इनकार किया है. उसका साफ-साफ कहना है कि वह ऐसा करने का कभी सपने में भी नहीं सोच सकता. जहां तक बात है बच्ची को फेल करने की तो वह पढ़ने में बिलो एवरेज स्टूडेंट थी.

आरोपी का कहना है कि उसने कभी भी उसका शोषण नहीं किया. वह लड़की क्लास में शांत रहती थी. आरोपी राजेश का कहना है कि उस पर आरोप है कि वे कॉरिडोर में हंस रहे थे, जो कि सरासर गलत है. उसका कहना है कि उस वक्त उसकी ड्यूटी कहीं और थी.

मामले की दूसरी आरोपी शिक्षिका नीरज का कहना है कि वह उसके ऊपर लगे आरोपों से सदमे में है. उससे पुलिस ने पूछताछ की है. उसने पुलिस को तमाम दस्तावेज और सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराई है. वे पुलिस को पूरा सहयोग दे रहे हैं.

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PTM में नहीं आते थे बच्ची के परिजन

पुलिस ने स्कूल से उन रजिस्टर को भी जब्त कर लिया है जिनमें पूरे साल पैरेंट टीचर मीटिंग का रिकार्ड है. एहल्कॉन पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल धर्मेंद्र गोयल का कहना है कि सात बार पीटीएम हुई. लेकिन सातों बार बच्ची के परिवार वाले पीटीएम में नहीं आए.

पुलिस को तमाम दस्तावेज और सीसीटीवी फुटेज दे दिए गए हैं. पुलिस ने दोनों टीचर्स के बयान भी रिकॉर्ड किए हैं. गोयल का कहना है कि उन्हें उस बच्ची के परिवार से पूरी हमदर्दी है, लेकिन शारीरिक शोषण और प्रताड़ना के तमाम आरोप गलत हैं.

बच्ची क्लास में शांत रहती थी. वह कत्थक डांसर थी. स्कूल में भी समय-समय पर उसे प्रोत्साहन मिला. जहां तक बात है कि वह कल हंसा क्यों था, दरअसल सवाल ऐसा पूछा गया था जो उन्हें हास्यास्पद लगा था. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह पीड़ित परिवार के साथ नहीं है या उसे कम दुख है.

बिरजू महाराज ने की CBI जांच की मांग

पुलिस का कहना है कि पिता ने दावा किया था रिजल्ट मिलने के बाद प्रिंसिपल से मिलने गए थे लेकिन वो मिले नहीं. अब सीसीटीवी से ही इस बात खुलासा हो जाएगा. वहीं इस मामले पर बिरजू माहारज ने कहा कि पीड़ित लड़की एक बेहतरीन डांसर थी. हम नहीं मान सकते कि इतनी छोटी बच्ची किसी मानसिक तनाव से गुजर रही हो. बेहतर है कि सीबीआई जांच करे.

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इस केस की जांच में पुलिस की एक टीम हर वक्त काम कर रही है, पूरा सीसीटीवी फुटेज चेक किया जा रहा है और साथ में पीड़ित बच्ची और स्कूल टीचर से जुड़े हर शख्स से पूछताछ भी की जा रही है.

पीड़िता ने खुदकुशी से पहले बयां किया था दर्द

I am failure...I am dumb...I hate myself...(मैं असफल हूं...मैं बेवकूफ हूं...मैं खुद से नफरत करती हूं)...जी हां, इन तीन वाक्यों को लिखने के बाद 16 साल की छात्रा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. हम बात कर रहे हैं मयूर विहार के एल्कॉन स्कूल में पढ़ने वाली 9वीं की उस छात्रा की जिसने टीचरों के छेड़छाड़ से तंग आकर खुदकुशी कर ली थी.

दिल्ली से सटे नोएडा सेक्टर-52 जीबी में रहने वाली छात्रा मयूर विहार के एल्कॉन स्कूल में 9वीं क्लास में पढ़ती थी. बीते 20 मार्च को खुदकुशी से ठीक पहले पीड़िता ने अपनी नोटबुक में उपरोक्त लाइन लिखी थी. उसके पिता का आरोप है कि स्कूल में सोशल साइंस का टीचर राजीव सहगल उससे छेड़छाड़ करता और साइंस टीचर नीरज आनंद धमकाती थी.

मौत से पहले पीड़िता ने अपनी किताब में लिखा कि समय के साथ सबकुछ बदलता है. कॉपी में भी कई बार उसने अपना नाम लिखा. वह डॉक्टर बनाना चाहती थी. उसने अपने सपने के बारे में भी नोटबुक पर लिखा था. आखिरी पन्ने पर उसने अपने नाम के आगे डॉक्टर लगाया था. इसके बाद खुद को असफल मानते हुए उसने मौत का रास्ता चुन लिया था.

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