राजधानी दिल्ली, जहां निर्भया के साथ बेरहमी से गैंगरेप किया गया और फिर दुष्कर्म के इन्हीं गहरे जख्मों की वजह से उसकी मौत हो गई. सब कुछ बदल गया लेकिन इस घटना के करीब साढ़े 4 साल बीत जाने के बाद भी दिल्ली जरा भी नहीं बदली है. आज भी महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी नहीं आई है. क्या आप जानते हैं, राजधानी दिल्ली में हर दिन करीब 6 महिलाओं से रेप होता है, तो वहीं हर रोज महिलाओं से यौन उत्पीड़न के करीब 10 मामले सामने आते हैं.
दिल्ली पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि राजधानी दिल्ली में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध में कोई खास कमी नहीं आई है. आंकड़ों के मुताबिक, साल 2016 में जहां 1204 मामले रेप के दर्ज किए गए, वहीं 15 जुलाई, 2017 तक रेप के 1138 मामले सामने आए हैं.
रेप और यौन उत्पीड़न से इतर 11 मामले अपहरण और दहेज उत्पीड़न-मारपीट से जुड़े 8 मामले हर रोज राजधानी में सामने आते हैं. पिछले साल के मुकाबले लड़कियों के अपहरण से जुड़े अपराध में वृद्धि हुई है. गौरतलब है, साल 2016 में 1913 मामले अपहरण के दर्ज किए गए थे तो वहीं इस साल ( 15 जुलाई, 2017 तक) अपहरण के 2066 मामले सामने आ चुके हैं.
पुलिस के मुताबिक, महिलाओं के साथ हो रहे इन मामलों में ज्यादातर आरोपी उनके जानकार ही होते हैं. पिछले साल के मुताबिक इस साल आंकड़ों में मामूली गिरावट तो हुई है, लेकिन पुलिस आने वाले समय में क्राइम रेट कम करने के लिए ज्यादा काम रही है. दिल्ली के 13 जिलों में लगभग एक हजार पुलिस पेट्रोलिंग गाड़ियां मौजूद हैं. ये सभी गाड़ियां कंट्रोल रूम से जुड़ी हुई हैं. दिल्ली पुलिस की हेल्पलाइन हर रोज करीब ढाई हजार कॉल ले रही है.
पुलिस के मुताबिक, 15 जुलाई, 2017 तक रेप, किडनैपिंग , हत्या और छेड़छाड़ के 7155 मामले दर्ज हुए हैं. दहेज से जुड़े मामलों की वजह से लगभग 70 महिलाओं की मौत हुई हैं. हालांकि, प्राइवेट कैब ड्राइवरों द्वारा अपराध की घटनाओं में महिलाओं के प्रति असुरक्षा के भाव को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने 'हिम्मत' नामक एक मोबाइल एप भी बनाई है. यात्रा के दौरान अगर किसी महिला को कुछ गलत लगता है तो वह इस एप के जरिए पुलिस से मदद मांग सकती है.