देश की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली तिहाड़ जेल में इस वक्त करीब 1500 कैदी बंद हैं. इनमें से करीब 22 फीसदी कैदी सजायाफ्ता हैं, तो करीब 78 फीसदी अंडर ट्रायल हैं. इस जेल में अनगिनत हाई प्रोफाइल कैदी भी एड़ियां रगड़ रहे हैं, लेकिन दिक्कत ये है कि इतने बड़े बदमाशों और हाई प्रोफाइल कैदियों के यहां बंद होने और जेल की किलेनुमा सुरक्षा के दावों के बावजूद यहां पैसा और पावर के आगे सब कुछ छोटा पड़ जाता है. तिहाड़ की मजबूत दीवारें भी ताश के पत्तों की तरह कांपने लगती हैं और ऐसे कांपती है कि जेल में बैठे-बैठे ये रसूखदार हर वो काम करते हैं, जिनकी इन्हें चाहत और तलब होती है.
फिर चाहे वो चाहत जेल में बैठे-बैठे फाइव स्टार होटल जैसी जिंदगी जीने की बात हो या जेल से बैठे-बैठे जबरन वसूली का धंधा चलाने की या फिर जेल में बैठे-बैठे फर्जीवाड़े की दुकान चलाने की बात हो, तिहाड़ में सब कुछ मुमकिन है. आजतक के हाथ वो एक्सक्लूसिव मोबाइल फोन से बातचीत की ऑडियो क्लिप लगी है, जिसमें तिहाड़ में बंद कई शातिर अपराधी अपने साम्राज्य को चलाते सुने जा सकते हैं. इनको सुनकर दिमाग सुन्न हो जाता है. हैरानी तब होती है, जब कोई जेल से बैठकर भी इतनी आसानी से मोबाइल फोन पर जिससे चाहे उससे बात कर लेता है और जो चाहे वो बात कर सकता है.
जेल के अंदर रह कर कैदी अपने एक्सटॉर्शन और गोरखधंधे को अंजाम दे रहे है. ये कैदी अपने घरवालों और दोस्तो से फोन पर आराम से बात कर रहे हैं. तिहाड़ जेल में बंद कुछ रसूखदार अपने पैसे के दम पर कारागार को ऐशगाह बना चुके हैं. करीब 200 एकड़ में फैले इस जेल की ऊंची दीवारों के पीछे कैदी पैसे और रसूख के दम पर यंहा सजा नहीं, बल्कि छुटियां काट रहे है और कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं.
कैदी जेल से ही जेल सुप्रिटेंडेंट को करते हैं फोन
आजतक के हाथ जो एक्सक्लूसिव फोन रिकॉर्डिंग लगी है, उसमें एक कैदी खुद को एक केंद्रीय मंत्री का पीए बताकर जेल सुप्रिटेंडेंट को जेल से ही फोन कर सुविधाएं मुहैया कराने की बात कर रहा है. आजतक के हाथ जो एक्सक्लूसिव रिकॉर्डिंग लगी है, वो जुलाई 2017 की है. इसमें कुख्यात अपराधी सत्या की आवाज है, जो जेल के अंदर बन्द होकर भी अपने गैंग के जरिए न सिर्फ अपने गोरखधंधे को चला रहा है, बल्कि जेल की उन तमाम खेल के बारे में बता रहा कि कैसे उसकी सेटिंग है? कैसे तिहाड़ के दूसरे ब्रांच मंडोली जेल में जाने के बाद भी उसे कोई दिक्कत नहीं होगी?
तिहाड़ में बंद अपराधी सत्या की रिकॉर्डिंग
सत्या न सिर्फ तिहाड़ जेल के अंदर बंद होकर भी अपने सारे धंधे को चला रहा है, बल्कि जिस दूसरे जेल में उसका ट्रांसफर हो रहा है, वंहा उसे क्या-क्या सुविधाएं मिल जाएंगी, उसकी बात भी वो बता रहा है. आजतक के हाथ एक ऐसे गैंगस्टर की फोन रिकॉर्डिंग लगी है, जिसमें वो जेल से ही एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट को पुलिस के मुखबिर के ज़रिए धमकी भेजवा रहा है. दरअसल गैंगस्टर नीरज बवानिया का भांजा नवीन इस एनकांउटर स्पेस्टलिस्ट को इसलिए धमकी भिजवा रहा है कि उसके गैंग मेंबर को पुलिस न पकड़े. मंडोली जेल में बंद नवीन पर हत्या, लूट, अपहरण और उगाही जैसे कई संगीन मामले दर्ज हैं.
छापेमारी में कैदियों के बैरक से मिल चुकी हैं ऐशो-आराम की चीजें
आजतक के पास एडिश्नल सेसन जज की वो एक्सक्लूसिव रिपोर्ट की कॉपी है, जो हाल ही में जेल में छापा मारने के बाद हाई कोर्ट को सौंपी गई थी. दरअसल, दिल्ली के तिहाड़ जेल के 25 कैदियों ने शिकायत की थी कि यूनिटेक के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा और उनके भाई अजय के कमरे में अन्य घरेलू चीजें मौजूद हैं.
इसमें आरोप लगाया गया था कि जेल अफसरों की मिलीभगत से संजय और अजय की कोठरी में ये चीजें पहुंच रही हैं, जिसके बाद एडिशनल सेशन जज ने तिहाड़ में छापेमारी की और दिल्ली हाईकोर्ट को एक रिपोर्ट सौंपी. इसमें उन वस्तुओं का जिक्र है, जो संजय और अजय के कमरे में छापे के दौरान पाई गई थीं. संजय और अजय धोखाधड़ी करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद हैं. रिपोर्ट में यह सामने आया था कि चंद्रा बंधुओं के लिए जेल की बैरक आरामगाह बनी हुई है. ये रिपोर्ट 4 सितम्बर 2018 को तैयार की गई.
जेल में स्मैक-गांजा मंगाने के लिए इस्तेमाल होता है कोड वर्ड
इसके अलावा तिहाड़ जेल में बंद रहे एक कैदी ने उस हकीकत का पर्दाफाश किया है, जो तिहाड़ की चार दिवारी के अंदर बड़े धड़ल्ले से चल रहा है. तिहाड़ में सजा काट चुके इस कैदी के मुताबिक स्मैक, गांजा, तम्बाकू और बीड़ी समेत सब कुछ तिहाड़ जेल में मिल जाता है, लेकिन इन सबका एक कोड वर्ड है. उसने बताया कि जेल में कोड वर्ड के रूप में चरस को कॉलर, गांजा को घास और तंबाकू को ढक्कन कहते है. इतना ही नहीं, ये तमाम चीज़ें कैसे जेल में पहुंचती हैं, इसका भी तिकड़म है.
फोन से जमानत और जेल में सुविधाएं
इतना ही नहीं, AIADMK का सिंबल दिलाने के मामले में जेल में बंद बिचौलिए सुकेश चन्द्रशेखर पर जेल में ही तीन FIR और दर्ज हुई है, जिसकी जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच कर रही है. सुकेश चन्द्रशेखर जेल नंबर एक हाई सिक्योरिटी बैरक में बन्द है. एक FIR के मुताबिक जेल से ही सुकेश ने एक केंद्रीय मंत्री के PA और खुद को IAS बताकर एक फर्जी फोन कॉल जेल कमान्डेंट को किया था और कहा था कि जेल में सुकेश को सुविधाएं दी जाएं. एक दूसरे FIR में सुकेश ने सुप्रीम कोर्ट का जज बनकर तीस हजारी के सेशन जज को फोन कर बोला कि सुकेश मेरा जानकर है, उसे जमानत दी जाए. जांच में जेल के अंदर से सुकेश के पास से पांच फोन और सिम कार्ड बरामद किए गए थे.