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UP में सरकार बदली लेकिन सिस्टम नहीं, मृत बच्चे को गोद मे लेकर घूमते रहे परिजन

अपने मृत बच्चे का शव कंधे से चिपकाए परिजन मोर्चरी भी गए लेकिन अस्पताल में बैठे संवेदनहीन डॉक्टरों को ये भी नहीं समझ आया कि मृत बच्चे के लिए स्ट्रेचर भी मुहैया करा दिया जाए.

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अस्पताल पर लापरवाही का आरोप
अस्पताल पर लापरवाही का आरोप

उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर में झोला छाप चिकित्सक के इलाज से बच्चे की बिगड़ती हालात और मौत का एक मामला जिला अस्पताल आया है, जहां सरकारी चिकित्सकों की संवेदनहीनता सामने आई है. गोद मे मृत बच्चे को लेकर परिजन जिला अस्पताल पहुंचे तो इमरजेंसी में बैठे सरकारी डॉक्टर ने पुलिस केस बताकर पहले तो देखने से मना कर दिया, फिर परिजनों को अस्पताल से स्ट्रेचर भी नहीं मिला.

परिजन अपने बच्चे को गोद में लेकर कोतवाली और जिला अस्पताल के चक्कर काटने रहे फिर स्थानीय मीडिया के हस्तक्षेप के बाद उसी सरकारी डॉक्टर ने बच्चे का चेकअप कर मृत घोषित किया. अपने मृत बच्चे का शव कंधे से चिपकाए परिजन मोर्चरी भी गए लेकिन अस्पताल में बैठे संवेदनहीन डॉक्टरों को ये भी नहीं समझ आया कि मृत बच्चे के लिए स्ट्रेचर भी मुहैया करा दिया जाए. सवाल करने पर डॉक्टर ने कहा कि हमारे यहां सब है लेकिन अगर परिजन मांगते तो जरूर मिलता.

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जिले के पुलिस अधीक्षक ने झोला छाप डॉक्टर के खिलाफ परिजनों के शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी और कार्रवाई करने की बात कही है. वहीं इस मामले पर सीएमओ के साथ मिलकर उस झोला छाप डॉक्टर के डिग्री की जांच कर उचित कार्रवाई करने की भी बात कही है.

 

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