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दिल्ली गैंगरेपः राष्ट्रपति से विशेष सत्र की मांग करेगी बीजेपी

महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के खिलाफ कड़े कानून बनाने के लिए संसद का विशेष सत्र और सर्वदलीय बैठक बुलाने की मुख्य विपक्षी दल की मांग सरकार द्वारा नहीं मानी जाने पर भाजपा ने इस संबंध में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मिलने का फैसला किया है.

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सुषमा स्वराज
सुषमा स्वराज

महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के खिलाफ कड़े कानून बनाने के लिए संसद का विशेष सत्र और सर्वदलीय बैठक बुलाने की मुख्य विपक्षी दल की मांग सरकार द्वारा नहीं मानी जाने पर भाजपा ने इस संबंध में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मिलने का फैसला किया है.

इस मुद्दे पर भाजपा कोर ग्रुप की यहां हुई बैठक के बाद विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने यह जानकारी दी.

बैठक के बाद सुषमा ने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री से संसद का विशेष सत्र बुलाने और गृह मंत्री से सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया था. लेकिन दोनों ही मामलों में सरकार की ओर से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं आया है.’

उन्होंने कहा, ‘चूंकि प्रधानमंत्री ने विशेष सत्र बुलाने की हमारी मांग को अस्वीकार कर दिया है, इसलिए अब हम राष्ट्रपति से गुहार लगाएंगे कि वह सरकार को संसद का विशेष सत्र बुलाने को कहें. हमने राष्ट्रपति के समक्ष अपनी बात रखने के लिए उनसे मंगलवार को मिलने का समय मांगा है.’

पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी के निवास पर हुई बैठक के बाद विपक्ष की नेता ने कहा कि महिलाओं के विरुद्ध जघन्य अपराधों को लेकर लोग आक्रोशित हैं. महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए मौजूदा कानूनों में संशोधन पर जोर देते हुए उन्होंने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की. बलात्कार के अपराधियों को मृत्यु दंड देने का प्रावधान करने सहित भाजपा महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों से निपटने के लिए कड़े कानून बनाने की मांग कर रही है.

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उन्होंने आरोप लगाया कि बलात्कार के खिलाफ रोष प्रकट करने वाले छात्रों के साथ इंडिया गेट और विजय चौक पर पुलिस ने जो बर्बरता दिखाई है उसने आपातकाल की याद दिला दी है. उन्होंने कहा कि लड़कियों तक पर लाठियां भांजी गई.

सुषमा ने कहा कि पुलिस ने कितने बड़े पैमाने पर लाठी चार्ज किया उसका अंदाजा इसी से हो जाता है कि रविवार को पुलिस कार्रवाई में 80 छात्र छात्राएं घायल हुए हैं.

सरकार को उन्होंने आगाह किया कि विभत्स बलात्कार की घटना के खिलाफ उभरे जन आक्रोश को अगर डंडो के दम पर दबाने का प्रयास होगा तो इसमें उसे सफलता नहीं मिलेगी.

उन्होंने कहा कि देश में हर 20 मिनट पर बलात्कार की घटनाएं होती हैं. हर रोज के अखबार ऐसी घटनाओं की खबरों से भरे होते हैं. इन्हीं के खिलाफ जनता का दबा हुआ गुस्सा सड़कों पर फूटा है. सरकार को उसे बल के द्वारा दबाने की बजाय समस्या का हल खोजने के गंभीर प्रयास करने चाहिए.

इस मुद्दे पर भाजपा कोर ग्रुप की यहां हुई बैठक के बाद विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने यह जानकारी दी.

बैठक के बाद सुषमा ने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री से संसद का विशेष सत्र बुलाने और गृह मंत्री से सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया था. लेकिन दोनों ही मामलों में सरकार की ओर से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं आया है.’

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उन्होंने कहा, ‘चूंकि प्रधानमंत्री ने विशेष सत्र बुलाने की हमारी मांग को अस्वीकार कर दिया है, इसलिए अब हम राष्ट्रपति से गुहार लगाएंगे कि वह सरकार को संसद का विशेष सत्र बुलाने को कहें. हमने राष्ट्रपति के समक्ष अपनी बात रखने के लिए उनसे मंगलवार को मिलने का समय मांगा है.’

पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी के निवास पर हुई बैठक के बाद विपक्ष की नेता ने कहा कि महिलाओं के विरुद्ध जघन्य अपराधों को लेकर लोग आक्रोशित हैं. महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए मौजूदा कानूनों में संशोधन पर जोर देते हुए उन्होंने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की. बलात्कार के अपराधियों को मृत्यु दंड देने का प्रावधान करने सहित भाजपा महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों से निपटने के लिए कड़े कानून बनाने की मांग कर रही है.

उन्होंने आरोप लगाया कि बलात्कार के खिलाफ रोष प्रकट करने वाले छात्रों के साथ इंडिया गेट और विजय चौक पर पुलिस ने जो बर्बरता दिखाई है उसने आपातकाल की याद दिला दी है. उन्होंने कहा कि लड़कियों तक पर लाठियां भांजी गई.

सुषमा ने कहा कि पुलिस ने कितने बड़े पैमाने पर लाठी चार्ज किया उसका अंदाजा इसी से हो जाता है कि रविवार को पुलिस कार्रवाई में 80 छात्र छात्राएं घायल हुए हैं.

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सरकार को उन्होंने आगाह किया कि विभत्स बलात्कार की घटना के खिलाफ उभरे जन आक्रोश को अगर डंडो के दम पर दबाने का प्रयास होगा तो इसमें उसे सफलता नहीं मिलेगी.

उन्होंने कहा कि देश में हर 20 मिनट पर बलात्कार की घटनाएं होती हैं. हर रोज के अखबार ऐसी घटनाओं की खबरों से भरे होते हैं. इन्हीं के खिलाफ जनता का दबा हुआ गुस्सा सड़कों पर फूटा है. सरकार को उसे बल के द्वारा दबाने की बजाय समस्या का हल खोजने के गंभीर प्रयास करने चाहिए.

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