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सो रही युवती पर किया तेजाब से हमला

बिहार के खगड़िया जिले के गोगरी थाना क्षेत्र में मंगलवार की रात अपने घर में सो रही एक किशोरी पर एक युवक ने तेजाब फेंक दिया. इससे वह बुरी तरह जख्मी हो गई. इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने केस दर्ज करके आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले की जांच की जा रही है.

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बिहार के खगड़िया जिले की वारदात
बिहार के खगड़िया जिले की वारदात

बिहार के खगड़िया जिले के गोगरी थाना क्षेत्र में मंगलवार की रात अपने घर में सो रही एक किशोरी पर एक युवक ने तेजाब फेंक दिया. इससे वह बुरी तरह जख्मी हो गई. इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने केस दर्ज करके आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले की जांच की जा रही है.

पुलिस उपाधीक्षक राजन कुमार सिन्हा ने बुधवार को बताया कि मुश्कीपुर कोठी गांव में किशोरी रूपम कुमारी (15) अपने घर में सोई हुई थी. तभी युवक ने उस पर तेजाब फेंक दिया. इसमें उसका बायां हाथ और गर्दन का पिछला हिस्सा बुरी तरह झुलस गया है. इलाज के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस ने गांव के ही युवक मोहम्मद कैसर आलम को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी से पूछताछ की जा रही है. अभी तक तेजाब से हमले के कारणों का पता नहीं चल पाया है. पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है. इस घटना के बाद से पूरे गांव में तनाव बना हुआ है.

बताते चलें कि भारत में हर साल करीब 500 लोगों पर एसिड अटैक होता है, वहीं दुनियाभर में यह आंकड़ा 1500 है. इसमें महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा है. प्यार में असफलता, छेड़खानी, दहेज और जमीन विवाद में ऐसी घटनाएं सबसे अधिक होती है. जो आज भी बदस्तूर जारी हैं.
 
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की माने तो यूपी, एमपी और दिल्ली में ऐसी घटनाओं का ग्राफ सबसे उपर है. साल 2014 में केवल यूपी में ही एसिड अटैक के 185 केस दर्ज किए गए है. भारत के साथ ही पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे देशों में भी एसिड अटैक की घटनाएं बहुतयात होती है.

देश में बढ़ती इन घटनाओं को देखते हुए सन 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्‍य सरकारों को जमकर फटकार लगाई थी. इसके साथ ही यह निर्देशित किया था कि एसिड अटैक से पीडि़तों के इलाज और पुनर्वास की पूरी जिम्‍मेदारी राज्‍य सरकार की होगी.
 
केद्र सरकार ने भी एसिड अटैक को जघन्य अपराधों की श्रेणी में रखने का फैसला किया है. ऐसे केस में आजीवन कारावास या मौत की सजा दी जा सकती है. ऐसे वारदातों की सुनवाई आईपीसी की धारा 376ए के तहत 60 दिनों में पूरी होने की बात कही गई है.
 
ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अब तेजाब की बिक्री वेब एप्लीकेशन के जरिए करने की व्यवस्था बनाई गई है. वेब एप्लीकेशन पर होलसेलर और रिटेलर के रजिस्ट्रेशन, डीएम द्वारा लाइसेंस जारी करने, आईडी दिखाने के बाद ही किसी व्यक्ति को तेजाब की बिक्री करने देने जैसी व्यवस्था है.

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