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भ्रष्टाचार के आगे हारा ठेकेदार, मौत को लगाया गले

राजस्थान के अलवर में पीडब्लूडी विभाग के अफसरों की कमीशनखोरी से तंग आकर एक ठेकेदार के सुसाइड करने का मामला सामने आया है. प्रशासन ने कथित आरोपियों को पद से हटाकर मृतक के परिजनों को सहायता राशि देकर मामला शांत कराने की कोशिश की.

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राजस्थान के अलवर की घटना
राजस्थान के अलवर की घटना

राजस्थान में पीडब्लूडी विभाग के अफसरों की कमीशनखोरी से तंग आकर एक ठेकेदार के सुसाइड करने का मामला सामने आया है. कर्ज में डूबे ठेकेदार ने सुसाइड करने से पहले एक नोट भी लिखा, जिसमें उसने विभाग के कई अफसरों का काला चिट्ठा बयां किया. प्रशासन ने कथित आरोपियों को पद से हटाकर मृतक के परिजनों को सहायता राशि देकर मामला शांत कराने की कोशिश की. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है.

घटना राजस्थान के अलवर की है. मृतक ठेकेदार का नाम कालूराम सैनी था. दरअसल अलवर का रहने वाला ठेकेदार कालूराम पीडब्लूडी के लिए काम करता था. विभाग में तैनात इंजीनियरों के कमीशनखोरी की मांग इतनी बढ़ गई थी कि कालूराम को हर काम में काफी नुकसान हो रहा था. कालूराम कर्ज लेकर विभाग के लिए काम करता गया, मगर विभाग की ओर से उसके बिल पास होने का नाम नहीं ले रहे थे.

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इसकी वजह साफ थी, इंजीनियरों को दिया जाने वाला मोटा कमीशन. पुलिस के मुताबिक, अलवर थाने के निर्माण में कालूराम के आठ लाख रूपये लगे थे, जिसके एवज में कमीशनखोरी से निपटने के बाद उसे महज ढाई लाख रूपये ही मिले. उसने इसकी शिकायत विभाग के हुक्मरानों तक की लेकिन इसका नतीजा सिफर रहा, क्योंकि भ्रष्टाचार की जड़ें विभाग के हर कोने में फैली हुई थी.

कालूराम इसी बात से पिछले काफी वक्त से परेशान रहने लगा था. जिसके बाद उसने भ्रष्टाचारी अफसरों के आगे हार मान ली और कंपनी बाग मैदान में जहर खाकर अपनी जान दे दी. कालूराम की जेब से पुलिस को सुसाइड नोट बरामद हुआ. कालूराम के परिजनों और ठेकेदारों ने कालूराम का शव 40 घंटे तक अस्पताल के बाहर रख भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन किया.

मामले के तूल पकड़ते ही प्रशासन ने कलई खुलने के डर से आरोपी इंजीनियरों को पद से हटा दिया. साथ ही सुपरिटेंडेंट इंजीनियर जीसी पवार ने कालूराम के परिजनों को विभाग की ओर से दस लाख रुपए की राहत राशि भी मुहैया करवाई. सुपरिटेंडेंट इंजीनियर जीसी पवार ने कहा कि विभाग इस मामले में निष्पक्ष जांच करवाएगा. साथ ही मामले की जांच तक आरोपी इंजीनियरों को पद से हटा दिया गया है.

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जीसी पवार ने कहा कि मृतक ठेकेदार कालूराम के बकाया बिलों की भी जांच कर भुगतान किया जाएगा. वहीं इंजीनियरों और ठेकेदारों ने भी पीड़ित परिवार को 20 लाख रूपए की सहायता राशि दी है. बता दें कि कालूराम की पत्नी ने पति को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में तीन इंजीनियरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है. वहीं कांग्रेस ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए पीडब्लूडी विभाग को भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का अड्डा बताया.

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