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शराब, कत्ल और सात टुकड़ों में कटी लाश... दो दिन बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा बेरहम कातिल, ऐसे खुला खूनी राज

दो दिन पहले मुंबई के गोराई में सात टुकड़ों में कटी हुई एक लाश मुंबई पुलिस ने सूचना मिलने के बाद बरामद की थी. लाश बरामद होने के बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी. पुलिस ने लाश को कब्जे लेकर मामले की छानबीन शुरू कर दी थी.

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आरोपी लाश के टुकड़े ऑटो में रखकर ले गया था (सांकेतिक फोटो- Meta AI)
आरोपी लाश के टुकड़े ऑटो में रखकर ले गया था (सांकेतिक फोटो- Meta AI)

Mumbai Gorai Murder Case: महाराष्ट्र के मुंबई शहर में सात टुकड़ों में कटी लाश बरामद होने का मामला पुलिस ने सुलझा लिया है. इस सनसनीखेज कत्ल की वारदात को अंजाम देने वाला कातिल अब पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है. पुलिस ने खुलासा किया है कि आरोपी और मृतक दोनों एक दूसरे को पहले से जानते थे. कत्ल से पहले आरोपी ने पहले मृतक को शराब पिलाई थी.

लाश मिलने के 48 घंटे बाद खुलासा
मुंबई पुलिस के मुताबिक, दो दिन पहले मुंबई के गोराई में सात टुकड़ों में कटी हुई एक लाश मुंबई पुलिस ने सूचना मिलने के बाद बरामद की थी. लाश बरामद होने के बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी. पुलिस ने लाश को कब्जे लेकर मामले की छानबीन शुरू कर दी थी. 48 घंटे बाद पुलिस ने इस मामले का खुलासा कर दिया और अभियुक्त मुंबई पुलिस के हत्थे चढ़ गया. 

31 अक्टूबर की रात किया था कत्ल
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपी की शिनाख्त मोहम्मद सत्तार के तौर पर हुई है, जो भयंदर की झुग्गी में रहता है. पुलिस का कहना है कि मृतक और आरोपी दोनों एक दूसरे को पहले से जानते थे. जिसके चलते 31 अक्टूबर को आरोपी ने मृतक को भाईंदर में अपनी झुग्गी में बुलाया था.

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जब वो शख्स वहां पहुंचा तो पहले आरोपी सत्तार ने उसे शराब पिलाई और फिर अचानक उस पर तेजधार चाकू से हमला कर दिया. नशे में होने की वजह पीड़ित संभल नहीं पाया और सत्तार ने उसकी हत्या करने के बाद लाश के सात टुकड़े कर दिए और उन्हें पैक कर दिया.

अब सवाल था कि लाश के टुकड़ों को ठिकाने कैसे लगाया जाए तो सत्तार ने एक नवंबर की सुबह तक इंतजार किया. फिर सुबह वो ऑटो रिक्शा में लाश के पैक टुकड़ों को लेकर गोराई पहुंचा और वहां जंगल के पास वाले रास्ते पर उन इंसानी टुकड़ों को फेंककर फरार हो गया था. 

ये थी कत्ल की वजह
मृतक की शिनाख्त 21 वर्षीय रघुनंदन के तौर पर हुई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, रघुनंदन अभियुक्त सत्तार की 17 वर्षीय बहन के संपर्क में था. मगर उन दोनों की दोस्ती सत्तार को पसंद नहीं थी. इसी बात की वजह से सत्तार अपनी बहन को मुंबई लेकर आ गया था. 

लेकिन इसके बाद रघुनंदन भी पुणे में आकर काम करने लगा. 2 महीने पहले सत्तार ने रघुनंदन को अपनी बहन से दूर रहने की हिदायत दी थी. लेकिन रघुनंदन फिर भी उसकी बहन के संपर्क में था. इसी बात से सत्तार बेहद खफा था. इसी के चलते उसने गुस्से में आकर रघुनंदन की हत्या कर दी.

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