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दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़े दो इनामी हथियार तस्कर, 30 मामलों में थे वॉन्टेड

दिल्ली पुलिस ने दो ऐसे शातिर अवैध हथियारों के तस्करों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने पिछले 10 सालों में दिल्ली के अंदर एक हजार से ज्यादा अवैध हथियार दिल्ली के को गैंगस्टरों को बेचा है. पकड़ में आए बदमाशों के नाम खिलाफत अली और तनमन सिंह है.

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पुलिस ने दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. (सांकेतिक तस्वीर)
पुलिस ने दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पुलिस ने किया खिलाफत अली और तनमन सिंह को गिरफ्तार
  • कम से कम 30 मामलों में थी पुलिस को तलाश
  • पूरे नेटवर्क का किंगपिन खिलाफत अली है

दिल्ली पुलिस ने दो ऐसे शातिर अवैध हथियारों के तस्करों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने पिछले 10 सालों में दिल्ली के अंदर एक हजार से ज्यादा अवैध हथियार दिल्ली के को गैंगस्टरों को बेचा है. पकड़ में आए बदमाशों के नाम खिलाफत अली और तनमन सिंह है. खिलाफत अली पर पुलिस ने एक लाख का जबकि तनमन सिंह पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था. पुलिस के मुताबिक यह दोनों अवैध हथियारों की तस्करी के कम से कम 30 मामलों में वांछित थे. पुलिस को मकोका के केस में भी इनकी तलाश थी. 

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 13 दिसंबर 2019 को मकोका के तहत एक केस दर्ज किया था. यह केस खास तौर पर अवैध हथियारों की सप्लाई करने वाले तस्करों, अवैध हथियारों को बनाने वाले और उनकी खरीद-फरोख्त करने वालों के खिलाफ था. इस केस में और पिछले 30 मामलों में शामिल खिलाफत और तनमन सिंह की भी तलाश में पुलिस जुटी हुई थी. पुलिस के मुताबिक तनमन सिंह मध्य प्रदेश का रहने वाला है, जबकि खिलाफत उत्तर प्रदेश के मेरठ का. यह दोनों मिलकर पिछले 10 सालों में दिल्ली में एक हजार के आसपास अवैध हथियारों की सप्लाई कर चुके हैं. 

3 अगस्त को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को जानकारी मिली कि खिलाफत मेरठ के किथोड़ इलाके में आने वाला है. इसके बाद दिल्ली पुलिस की एक टीम फौरन मेरठ पहुंची और वहां से खिलाफत को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस खिलाफत के साथ मध्य प्रदेश गई और वहां से सेंधवा के सब जेल से तनमन को भी इस मामले में गिरफ्तार कर लिया. 

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पुलिस के मुताबिक इस पूरे नेटवर्क का किंगपिन खिलाफत अली है. खिलाफत का नेटवर्क दिल्ली, यूपी, मध्य प्रदेश समेत पांच राज्यों में फैला हुआ है. खिलाफत पिछले 20 सालों से अवैध हथियारों की तस्करी में जुटा हुआ है. खिलाफत के इस गैंग में अवैध हथियार बनाने वालों से लेकर के उसको सप्लाई करने वाले शामिल हैं. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इसके पहले भी दो बार खिलाफत अली को गिरफ्तार कर चुकी है. एक बार 2014 में आठ पिस्टल के साथ और दूसरी बार 2019 में भी आठ पिस्टल के साथ.

तनमन सिंह अवैध हथियारों की तस्करी के साथ-साथ अवैध हथियार बनाता भी था. पुलिस के मुताबिक तनमन सिंह अपने साथियों के साथ मिलकर मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बॉर्डर के पास के पहाड़ी जंगल इलाके में अवैध हथियार बनाने की मशीनें भी सेट कर चुका है. यहां पर तनमन एक पिस्टल 5000 में बनाता था और फिर उसे अपने साथियों को दस हजार से 15000 में बेचता था. जिसे उसके साथी दिल्ली एनसीआर के गैंगस्टर और अपराधियों को 25 हजार से 30,000 में बेचा करते थे. फिलहाल पुलिस इस नेटवर्क के दूसरे बदमाशों की तलाश में जुटी हुई है.


 

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