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रवनीत सिंह बिट्टू ने 'वारिस पंजाब दे' से बताया जान का खतरा, 25 के खिलाफ केस दर्ज, 2 गिरफ्तार

केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने खालिस्तानी संगठन 'वारिस पंजाब दे' से अपनी जान का खतरा बताया है. इस संगठन का प्रमुख अमृतपाल सिंह है, जो इस वक्त असम की जेल में बंद है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पंजाब के कई अन्य नेता भी उनके निशाने पर हैं. उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है.

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केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू (File Photo)
केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू (File Photo)

पंजाब में खालिस्तानी संगठन 'वारिस पंजाब दे' के नाम से एक ग्रुप में व्हाट्सएप चैट वायरल हो रहे थे. इसमें केंद्र के कुछ मंत्रियों को जान से मारने की बात की गई थी. इसी मामले में मोगा पुलिस ने 25 लोगों पर मामला दर्ज करके 2 लोगों को गिरफ्तार किया. दोनों आरोपियों में से एक मोगा और दूसरा खाना का रहने वाला है. इसी मामले में केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने 'वारिस पंजाब दे' से अपनी जान का खतरा बताया था. इस संगठन का प्रमुख अमृतपाल सिंह है, जो इस वक्त असम की जेल में बंद है. 

रविवार को केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि पंजाब के कई अन्य नेता भी उनके निशाने पर हैं. उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है. उन्होंने दावा किया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चैट के लीक हुए स्क्रीनशॉट के जरिए साजिश का 'पर्दाफाश' हुआ है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने भी 'वारिस पंजाब दे' के नेताओं द्वारा रची गई साजिश को गंभीरता से लिया है. उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे समूहों की गतिविधियां राज्य को उसके काले अतीत की याद दिलाते हुए अस्थिरता की ओर धकेल रही हैं. व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट से पता चलता है कि इसके सदस्य खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत एक साल हिरासत बढ़ाए जाने से नाराज है.

इस वजह से उनके निशाने पर केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हैं. 32 वर्षीय अमृतपाल फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है. 23 अप्रैल, 2023 को गिरफ्तार किए जाने के बाद उसे एनएसए के तहत हिरासत में रखा गया था. उसके पिता तरसेम सिंह ने रविवार को अपने बेटे की एनएसए के तहत हिरासत अवधि बढ़ाने के लिए आप सरकार की आलोचना की है.

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खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के नाम से मशहूर अमृतपाल को एक महीने से अधिक समय तक चली तलाशी के बाद 23 अप्रैल, 2023 को मोगा के रोडे गांव से गिरफ्तार किया गया था. इस बीच बिट्टू ने आप सरकार पर राजनीतिक कार्यकर्ताओं के रूप में छिपे आपराधिक तत्वों के प्रति "नरम रुख" के लिए हमला किया. उन्होंने कहा, "केंद्र राष्ट्र विरोधी ताकतों को पंजाब को अस्थिर करने की अनुमति नहीं देगा."

शांति और एकता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए उन्होंने अपने परिवार की बलिदान की विरासत को याद दिलाया. उन्होंने कहा, "मेरे दादा (बेअंत सिंह) ने पंजाब में शांति के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी. मैं शहीदों के परिवार से आता हूं. मैं चरमपंथी धमकियों से नहीं डरता. मैं पंजाब को फिर से अंधकार में नहीं जाने दूंगा. इस साजिश के पीछे जो लोग हैं, उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे. हम किसी को नहीं छोड़ने वाले हैं."

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