35 फीट ऊंची दीवार. इमारत की तीसरी मंजिल. यहां तक बिना किसी सीढ़ी के पहुंचना आसान नहीं होता है. लेकिन एक चोर किसी स्पाइडर मैन की तरह इतनी ऊंची दीवार पर चढ़कर एक ज्वैलरी शोरूम की तिजोरी तक पहुंच गया. वहां करोड़ों के सोने-चांदी के जेवरात रखे थे, जिसे देख उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं. लेकिन उसने फैसला किया कि वो सिर्फ उतने ही गहने ले जाएगा, जितनी जरूरत है. उसने वहां से सिर्फ एक लाख की ज्वैलरी चुराई और चलता बना. इस दौरान उसने अपने कपड़े जरूर बदले. लेकिन एक चूक हो गई. उसका शर्ट जल्दीबाजी में वहीं छूट गया. उस शर्ट की जेब में एक बस टिकट रखा था जो उस तक पुलिस के पहुंचने का जरिया बन गया.
पुलिस को चोर का सुराग जरूर मिल गया था. लेकिन उस तक पहुंचना इतना आसान नहीं था. ज्वैलरी शोरूम के मालिक की शिकायत पर केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने पांच टीमें बनाई. इसमें 47 पुलिसकर्मी शामिल थे. उस अनोखे चोर को ट्रेस करने के लिए पुलिस ने 350 सीसीटीवी फुटेज खंगाले. अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम और इंटरऑपरेबल आपराधिक न्याय प्रणाली के उपकरणों का उपयोग करने के बाद पुलिस को एक लीड मिली. पता चला कि चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद चोर अनामलाई में अपने एक दोस्त के घर की तरफ गया है. पुलिस की टीम वहां पहुंच गई. उसी वक्त एक दूसरी टीम भी बाइक चोरी की जांच के सिलसिले में वहां पहुंची.
पुलिस को देखा तो 15 फीट ऊंची दीवार फांद कर भागा
पुलिस की दोनों टीमें जैसे ही घर के अंदर घुसी चोर 15 फीट ऊंची दीवार को फांद कर अंधेरे में गायब हो गया. वो पकड़ा तो नहीं गया, लेकिन उसके दोस्त के जरिए उसके बारे में विस्तृत जानकारी मिली. चोर का नाम विजय मुनिरत्नम (26) है, जो कि तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले के हरुर के पास देवरेड्डीयूर का रहने वाला है. वो एक हिस्ट्रीशीटर है. उसके खिलाफ चोरी के कम से कम चार मामले दर्ज हैं. पुलिस ने उसके घर जाकर चुराई हुई ज्वैलरी बरामद कर ली. इस वारदात में सक्रिय भूमिका निभाने के आरोप में विजय की पत्नी नर्मदा को गिरफ्तार कर लिया. वो अपनी तीन महीने की बेटी के साथ जेल चली गई, लेकिन मुख्य आरोपी विजय पुलिस से भागता रहा.
मकान के पट्टे के लिए थी एक लाख रुपए की जरूरत
डिप्टी कमिश्नर जी चंदीश के मुताबिक, विजय मुनिरत्नम पुलिस से बचने के लिए धर्मपुरी के जंगलों में छिप गया. अपना मोबाइल तोड़कर फेंक दिया, ताकि पुलिस उसका लोकेशन ट्रेस न कर सके. लेकिन पुलिस की अलग-अलग टीमें उसके रिश्तेदारों और दोस्तों पर नजर बनाए हुए थीं. इसी बीच उसने अपने एक रिश्तेदार को कॉल किया. पुलिस को उसकी लोकेशन चेन्नई में मिल गई. कोयम्बटूर पुलिस के अलर्ट के बाद चेन्नई पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. वारदात के बाद करीब दो हफ्ते तक चूहे-बिल्ली की दौड़ के बाद पकड़ में आए विजय ने जब चोरी की वजह बताई, तो पुलिस भी दंग रह गई. उसने बताया कि मकान के पट्टे के लिए उसे एक लाख रुपए की जरूरत थी.
ईमानदार लेकिन शातिर चोर की कहानी सुन पुलिस हैरान
उसने कुछ रिश्तेदारों से पैसे मांगे, लेकिन सबने देने से इंकार कर दिया. उसके बाद उसने एक मेडिकल शॉप में चोरी की योजना बनाई, लेकिन ज्यादा भीड़ होने की वजह से वो अपनी इरादों में कामयाब नहीं हो पाया. फिर उसे ज्वैलरी शॉप में चोरी की योजना बनाई. रेकी करने के बाद उसे पता चला कि शोरूम की तीसरी मंजिल पर ज्वैलरी का सामान रखा जाता है. वहां तक पहुंचना आसान नहीं था. इसके लिए उसने 14 दिन तक प्रैक्टिस किया. उसके बाद दो दीवार के बीच में स्पाइडर की तरह चढ़ गया. उसने शोरूम से केवल एक लाख की ज्वैलरी चुराई, क्योंकि उसे इससे ज्यादा की जरूरत नहीं है. तमिलनाडु पुलिस के पल्ले पहली बार एक ईमानदार लेकिन शातिर चोर पड़ा है.