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Raju Pal Murder Case: नैनी जेल से शिफ्ट होंगे अतीक अहमद गैंग के 3 हत्यारे, यहां भेजने का आदेश जारी

Raju Pal Murder Case: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के राजू पाल हत्याकांड में सजा काट रहे तीन अपराधियों की जेल बदलने का आदेश जारी किया गया है. तीनों को प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल से प्रदेश के अन्य जेलों में शिफ्ट किया जाएगा. पूर्व विधायक राजू पाल की पत्नी पूजा पाल की मांग पर शासन ने ये कदम उठाया है.

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राजू पाल हत्याकांड में सजा काट रहे तीन अपराधियों की जेल बदलने का आदेश.
राजू पाल हत्याकांड में सजा काट रहे तीन अपराधियों की जेल बदलने का आदेश.

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के राजू पाल हत्याकांड में सजा काट रहे तीन अपराधियों की जेल बदलने का आदेश जारी किया गया है. तीनों को प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल से प्रदेश के अन्य जेलों में शिफ्ट किया जाएगा. पूर्व विधायक राजू पाल की पत्नी पूजा पाल की मांग पर शासन ने ये कदम उठाया है. पूजा ने इन तीनों से अपनी जान का खतरा बताया है. 

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जानकारी के मुताबिक, नैनी जेल में बंद आबिद पुत्र बच्चा मुंशी उर्फ अनवारुल हक को बागपत जेल, जावेद उर्फ जाबिर पुत्र बचऊ को अलीगढ़ जेल और गुलहसन पुत्र मुख्तार को आगरा जेल भेजने का आदेश दिया गया है. इन पर आरोप है कि ये लोग जेल में रहकर अतीक अहमद के गैंग का संचालन कर रहे हैं. कई तरह की आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हैं.

बताते चलें कि पिछले साल बीएसपी विधायक राजू पाल हत्याकांड में लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने सात आरोपियों को दोषी करार देते हुए छह को उम्रकैद और एक को चार साल की सजा सुनाई थी. 20 साल पहले 25 जनवरी 2005 को राजू पाल की प्रयागराज के धूमनगंज में अतीक अहमद के गैंग के लोगों ने गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी. 

विधानसभा चुनाव में माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ को हराने के चलते राजू पाल की राजनीतिक दुश्मनी के चलते हत्या की गई थी. अतीक अहमद और अशरफ ने गुर्गों के साथ मिलकर प्रयागराज में दिनदहाड़े गोली मारकर राजू पाल की हत्या कर दी थी. साल 2004 में राजू पाल बीएसपी के टिकट से विधायक चुने गए थे. 

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उस चुनाव में समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी और अतीक अहमद का भाई अशरफ हार गया था. नतीजों के 3 महीने के अंदर ही 25 जनवरी 2005 को अतीक गैंग ने राजू पाल पर हमला कर दिया. 25 जनवरी को विधायक राजू पाल एसआरएन हॉस्पिटल से निकले थे. उनके काफिले में एक क्वालिस और एक स्कॉर्पियो कार थी. क्वालिस राजू खुद चला रहे थे. 

जैसे ही राजू पाल जीटी रोड पर पहुंचे, एक स्कॉर्पियो कार ने उन्हें ओवरटेक किया. इसके बाद राजू पाल पर गोलियों की बौछार कर दी. इस हमले में रुखसाना जख्मी हो गई. संदीप यादव और देवीलाल की मौत हो गई. राजू पाल को 19 गोलियां मारी गई थीं. इसी राजू पाल हत्याकांड में उमेश पाल चश्मदीद गवाह थे, जो राजू पाल के रिश्तेदार भी थे.

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