बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली आरुषि मिश्रा डॉक्टर बनने का सपना पाले महाराष्ट्र के सतारा गई थी. वो कुछ वर्षों में एक डॉक्टर भी बनने वाली थी. पढने में काफी होशियार थी. उसका नाता मुजफ्फरपुर के एक मशहूर डॉक्टर फैमिली से था, इसलिए भविष्य को लेकर आशाएं और उम्मीदें भी बहुत ऊंची थी. लेकिन इस तेजतर्रार छात्रा को एक सिरफिरे ने मौत की नींद सुला दिया.
महाराष्ट्र के सतारा के कराड मेडिकल कॉलेज में पढाई करने वाली आरुषि मिश्रा को उसके साथ पढने वाले ध्रुव चिक्कर ने 30 जुलाई को मल्टी स्टोरी इमारत से नीचे धक्का दे दिया. इसमें पीड़िता की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. बताया जा रहा है कि हत्या की इस वारदात से पहले आरुषि और ध्रुव के बीच काफी बहस हुई थी, जो बहुत जल्द झगड़े और हाथापाई में तब्दील हो गई थी.
पुलिस का कहना है कि ध्रुव ने आरुषि को अपने फ्लैट पर बुलाया था. उसका आरोप था कि आरुषि का किसी के साथ चक्कर चल रहा है. इसी को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हुआ था. इसके बाद ध्रुव ने आरुषि को धक्का दे दिया, जिससे वो नीचे जा गिरी और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया. इस मारपीट में ध्रुव भी घायल हो गया. उसका पैर टूट गया. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.
नामचीन डॉक्टर परिवार की बेटी आरुषि मिश्रा
आरुषि मिश्रा के मां-पिता और दादा बिहार के मुजफ्फरनगर शहर के नामचीन डॉक्टर हैं. हरियाणा के रहने वाले ध्रुव चिक्कर से उसकी मुलाकात दिल्ली में मेडिकल का कोचिंग करते वक्त हुई थी. आरुषि और ध्रुव के बीच दोस्ती हो गई. इसके बाद दोनों ने कराड़ के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया था. लेकिन इस दोस्ती का खतरनाक अंजाम ध्रुव देगा इसका अंदाजा आरुषि को नहीं था.

दो वर्षों से रिलेशनशिप में थे आरुषि और ध्रुव
सतारा के पुलिस अधीक्षक समीर शेख ने बताया, "आरुषि और ध्रुव एक साथ पढ़ते थे और पिछले दो वर्षों से रिलेशनशिप में थे. पिछले कुछ दिनों से दोनों के बीच कुछ विवाद चल रहा था. मृतक की मां, जो बिहार में डॉक्टर हैं, उन्होंने अपनी शिकायत में दावा किया है कि आरोपी उनकी बेटी से झगड़ा करता था. उसे कॉलेज के दूसरे पुरुष साथियों से बात करने से मना किया करता था.''
पीड़िता दूर जाती तो पीछा करता था आरोपी
उन्होंने अपनी शिकायत में ये भी कहा कि आरोपी ध्रुव चिक्कर उनकी बेटी आरुषि मिश्रा के साथ शारीरिक दुर्व्यवहार करता था. उसने इन सबके बारे में अपनी मां को बताया था. यही वजह है कि उनकी मां ने उसे उससे दूर रहने की सलाह दी थी. लेकिन मृतक ने उससे कहा था कि जब वह उससे दूर रहने की कोशिश करती है तो वो उसका पीछा करने लगता है. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.

आरुषि के परिवार के आठ सदस्य हैं डॉक्टर
बताया जा रहा है कि आरुषि के परिवार में आठ सदस्य डॉक्टर हैं. उसके दादा डॉ. केके मिश्रा एमडी हैं. उसकी दादी डॉ. रंजना मिश्रा मशहूर गायनोलॉजिस्ट हैं. पिता डॉ. परिजात सौरभ नेत्र विशेषज्ञ हैं. उसकी मां डॉ दीप्ती सिंह भी गायनो की डॉक्टर हैं. उसकी बहन और चाचा-चाची भी डॉक्टर हैं. उसके परिजनों का कहना है कि आरुषि पढ़ने में बहुत तेज थी. वो शुरू से ही डॉक्टर ही बनना चाहती थी.
इंसाफ की मांग कर रहा आरुषि का परिवार
आरुषि का परिवार अब इंसाफ की मांग कर रहा है. उसके मुजफ्फरपुर में घर पर मातम पसरा है. किसी को यकीन ही नहीं हो रहा कि उनकी लाडली अब कभी लौट कर नहीं आएगी. उधर, सतारा पुलिस इस सवाल का जवाब ढूंढ रही है कि उस दिन आखिर ऐसा क्या हुआ था ध्रुव चिक्कर ने आरुषि को बिल्डिंग से धक्का दे दिया. इस मामले को लेकर सियासत भी खूब हो रही है.