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हाथरस: पीड़ित परिवार की पाबंदी पर कोर्ट जाएगी कांग्रेस, कानूनी विशेषज्ञों संग कर रही मंथन

कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने कहा कि पीड़िता के परिवार को इस तरह से कैद करना ताकि वह अपने परिवार मीडिया वकीलों से ना मिल सके संविधान का उल्लंघन है.

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हाथरस में तैनात पुलिसकर्मी (फोटो- पीटीआई)
हाथरस में तैनात पुलिसकर्मी (फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पीड़ित परिवार पर पाबंदी गलत
  • पाबंदी मौलिक अधिकारों का उल्लंघन
  • याचिका तैयार कर रही है कांग्रेस

हाथरस मामले में कांग्रेस सड़क पर दंगल तो कर ही रही है, अब पार्टी अदालत का दरवाजा खटखटाने जा रही है. कांग्रेस का आरोप है कि यूपी सरकार ने हाथरस की पीड़िता के परिवार को असंवैधानिक तरीके से कैद कर रखा है और उन्हें वकील और डॉक्टरों से भी मिलने की इजाजत नहीं दी जा रही है. 

कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर योगी सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना चुकी है. कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और वकील विवेक तन्खा का कहना है कि अगर हाथरस पीड़िता के परिवार पर लगी पाबंदी आज नहीं उठाई गई तो वह कल तक सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. 

कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर अपनी पार्टी के वरिष्ठ कानूनी विशेषज्ञों की राय ले रही है. विवेक तन्खा ने आजतक को बताया कि इस बाबत एक याचिका भी तैयार की जा रही है. इस संदर्भ में उन्होंने कपिल सिब्बल से चर्चा की है. 

विवेक तन्खा ने कहा है कि पीड़िता के परिवार को इस तरह से कैद करना ताकि वह अपने परिवार मीडिया वकीलों से ना मिल सके, संविधान का उल्लंघन है. 

उन्होंने इस मामले पर ट्वीट किया, 'हाथरस पीड़िता के परिवार को कैद करने के मुद्दे पर कपिल सिब्बल से बात की है. योगी सरकार पीड़ित परिवार को किसी से नहीं मिलने दे रही है. इसमें वकील, डॉक्टर, मीडिया और उनके शुभचिंतक शामिल हैं. ये उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है."

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