बिहार पुलिस ने सोमवार को पटना में जबरन वसूली के एक मामले की जांच के तहत दानापुर निर्वाचन क्षेत्र से राजद विधायक रीतलाल यादव के सहयोगियों और लालू प्रसाद परिवार के एक करीबी सहयोगी से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की. दानापुर के कोठवा गांव में राजद विधायक के उन चार सहयोगियों को पकड़ने के लिए रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात छापेमारी की गई, जो अभी तक फरार चल रहे हैं.
राजद विधायक रीतलाल यादव पहले से ही इसी मामले में न्यायिक हिरासत में हैं. पीटीआई से बात करते हुए नगर पुलिस अधीक्षक (पश्चिम) भानु प्रताप सिंह ने बताया कि एक व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर रीतलाल यादव के सहयोगी चार फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए छापेमारी की गई.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि आरोपियों ने एक इमारत का ढांचा गिरा दिया, जिसे वह दानापुर इलाके में बना रहा था, जब उसने कथित तौर पर रंगदारी की मांग की राशि का भुगतान करने में विफल रहा. उन्होंने कहा कि इस मामले में राजद विधायक भी आरोपी हैं. एसपी ने कहा कि पुलिस जल्द ही फरार आरोपियों को पकड़ लेगी क्योंकि तलाशी अभियान अभी भी जारी है.
गौरतलब है कि विधायक रीतलाल यादव ने 17 अप्रैल को पटना की एक अदालत में आत्मसमर्पण किया था. दानापुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले राजद विधायक और उनके तीन अन्य सहयोगियों- चिक्कू यादव, पिंकू यादव और श्रवण याव को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
दानापुर अदालत में पत्रकारों से बात करते हुए राजद विधायक ने कहा था, 'मैं एक राजनीतिक साजिश का शिकार हूं. मेरी जान को खतरा है. मेरी हत्या हो सकती है. अगर मैं जिंदा रहा तो जमानत के लिए कागजात दाखिल करूंगा. कुछ अधिकारी मेरे खिलाफ हैं. मैं दोहराता हूं: मेरी जान को खतरा है.'
विधायक ने कहा था, 'पिछले कई महीनों से मेरी हत्या की कोशिशें चल रही हैं. मुझे खत्म करने के लिए कुछ अधिकारियों ने मेरे प्रतिद्वंद्वियों को एक अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध कराया था.'