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कोरोना इफैक्ट: लॉकडाउन में बत्ती फुल मगर खपत गुल

राष्ट्रीय स्तर पर बिजली की मांग 25 मार्च को गिरकर 2.78 बिलियन यूनिट्स पर आ गई. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च के पहले तीन हफ्तों में प्रति दिन 3.45 बिलियन यूनिट के मुकाबले मांग में लगभग 20 फीसदी की कमी आ गई.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

  • लॉकडाउन की वजह से बिजली की मांग में आई कमी
  • 20 फीसदी तक घटी बिजली की मांग

भारत में तेजी से फैलते कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया है. इस लॉकडाउन की वजह से बीते पांच महीनों में राष्ट्रीय स्तर पर बिजली की खपत सबसे कम हो गई है.

राष्ट्रीय स्तर पर बिजली की मांग 25 मार्च को गिरकर 2.78 बिलियन यूनिट्स पर आ गई. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च के पहले तीन हफ्तों में प्रति दिन 3.45 बिलियन यूनिट के मुकाबले मांग में लगभग 20 फीसदी की कमी आ गई.

बिजली की मांग में इसी तरह से कमी जारी रही, तो भारत में मार्च महीने में बिजली की खपत पिछले साल अक्टूबर के बाद से साल-दर-साल सबसे तेज गति से घट सकती है. पिछले साल अक्टूबर महीने में व्यापक आर्थिक मंदी के कारण बिजली का उपभोग बीते 12 सालों में सबसे कम हो गया था.

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हालांकि बिजली के उपयोग में राष्ट्रीय स्तर पर जहां कमी देखी जा रही है वहीं कुछ राज्यों में इसकी खपत में वृद्धि भी देखी गई है. अधिकारियों के मुताबिक तापमान बढ़ने के साथ ही बिजली के इस्तेमाल में भी तेजी आएगी जिससे खपत बढ़ेगी.

इसको लेकर उत्तर प्रदेश पावर कॉर्प लिमिटेड के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने कहा," पिछले कुछ दिनों से गर्मी बढ़ी है और इससे आवासीय भार बढ़ सकता है."

भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश ने मार्च के पहले तीन हफ्तों के औसत के मुकाबले 25 मार्च को 3.4 फीसदी अधिक बिजली का उपयोग किया गया, जबकि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे आसपास के राज्यों में 40% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई.

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