कोरोना वायरस के खिलाफ देश में इस वक्त एक जंग जारी है. इस महासंकट के बीच शनिवार को आजतक के खास कार्यक्रम ई-एजेंडा आजतक में कई राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री एक मंच पर आए. इस दौरान सभी ने राज्यों में कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग के अनुभव साझा किए.
ई-एजेंडा आजतक के सेशन ‘कोरोना को हराना है’ में राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, छत्तीसगढ़ के टीएस सिंह देव , महाराष्ट्र के राजेश टोपे, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन शामिल हुए. इनके अलावा बिहार सरकार में मंत्री संजय झा ने भी इसमें हिस्सा लिया. सभी राज्यों के मंत्रियों ने लॉकडाउन को कारगर कदम बताया और कहा कि इससे संक्रमण के चेन को तोड़ने में मदद मिली है. लेकिन साथ ही ये भी कहा कि टेस्टिंग की रफ्तार को बढ़ाने की जरूरत है, साथ ही जीवन शैली को बदलना होगा.
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राजस्थान में बढ़ा रहे टेस्टिंग की रफ्तार: स्वास्थ्य मंत्री
राजस्थान को लेकर स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि लॉकडाउन हमारे यहां पर 22 तारीख से शुरू हुआ, जो देश की पहली राज्य सरकार थी जिसने इसे लागू किया. 24 से भारत सरकार ने भी लॉकडाउन लगाया, लॉकडाउन इस समस्या का समाधान है. लॉकडाउन से कोरोना के मामले रोकने में कामयाबी मिली है. हमें सभी परेशानियों को देखना होगा, क्योंकि आम आदमी सोच रहा है कि लॉकडाउन कबतक चलेगा.
स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक, राजस्थान में हमने ज्यादा जांच पर जोर दिया है, एक रैपिड टेस्टिंग किट और दूसरी RTPCR की सुविधा थी. 2 मार्च को सैंपल लेकर पुणे भेजा, उसके बाद राजस्थान में भी जांच की सुविधा बनाई गई. 2 मार्च से लेकर अबतक हम 5 हजार रोजाना टेस्ट कर रहे हैं, हमारी कोशिश 10 हजार रोजाना टेस्ट करने की है.
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रघु शर्मा बोले कि रैपिड टेस्टिंग किट से हमें उम्मीद थी कि जल्दी टेस्ट होगा, ICMR ने 12 कंपनियों की लिस्ट दी थी और 4 कंपनियों ने जवाब दिया और चीनी कंपनी ने सबसे पहले किट भेज दी. जब हमने रैपिड टेस्ट किट की जांच की, 168 की जांच करने पर सिर्फ 5.4 फीसदी तक ही मैच हो पाया इसलिए बंद करने का फैसला लिया गया.
छोटी बस्तियों में क्वारनटीन की दिक्कत, बदल रहे रणनीति: महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि हमारे राज्य में आंकड़े बढ़ रहे हैं, लेकिन हमारा मकसद ये है कि डबल होने के रेट को कम किया जाए. लॉकडाउन को लेकर प्रधानमंत्री सभी मुख्यमंत्रियों से क्या कहते हैं उसके बाद आगे फैसला होगा. हमारे राज्य में अब मृत्युदर सात से घटकर चार पर आ गई है.
स्वास्थ्य मंत्री बोले कि हमारे लिए सबसे बड़ी मुश्किल है कि क्लस्टर को कैसे रोकें. होम क्वारनटीन का फायदा कई बस्तियों में नहीं दिखा, क्योंकि कई जगह छोटे घर हैं. इसलिए बस्तियों से हटाकर लोगों को सरकारी जगह पर ले जाया जा रहा है. किसी भी बीमार व्यक्ति की जल्द से जल्द पहचान होना जरूरी है.
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लॉकडाउन के बाद बदलनी होगी जीवन शैली: टीएस सिंह देव
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि लॉकडाउन से हम धीरे-धीरे निकल रहे हैं, हम इससे कैसे डील करेंगे अभी भी ये चुनौती है. जो कोरोना के मामले बिना लक्षण के आए हैं, वो सबसे बड़ी चुनौती है. अब लोग थका हुआ महसूस कर रहे हैं कि लॉकडाउन कबतक रहेगा. एक्सपर्ट ने कहा है कि आगे समय में मामले बढ़ सकते हैं.
स्वास्थ्य मंत्री बोले कि हमें जीवन जीने की शैली बदलना होगी और उसके बाद ही आगे बढ़ा जा सकता है. हाथ ना मिलाना, पैर ना छूना, हाथ धोना ऐसी बातों को हमें अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा. अगर अचानक लॉकडाउन को हटा दिया तो अचानक मामले बढ़ सकते हैं.
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कोटा से कुछ बच्चों को लाए हैं, किए गए क्वारनटीन: संजय झा
बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय झा ने राज्य की स्थिति को लेकर कहा कि बिहार में अबतक 15 हजार टेस्ट हो चुके हैं, 200 से अधिक लोग पॉजिटिव आए हैं. अभी हम रोजाना एक हजार टेस्ट रोजाना कर रहे हैं, हमने पौने चार करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग की है. जिस इलाके में कोई मामला आया है, उसके तीन किमी. की रेंज में हमने स्क्रीनिंग करवाई है. बिहार में भी रैपिड टेस्टिंग फेल हुई है.
कोटा में फंसे बच्चों के लिए उन्होंने कहा कि कोटा से कुछ बच्चे आए हैं उन्हें होम क्वारनटीन किए हैं. कोटा को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की अलग गाइडलाइन है और गृह मंत्रालय की अलग गाइडलाइन है. वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी कहा कि कई इलाकों पर हमने फोकस किया है और रैपिड टेस्टिंग से कोरोना को कंट्रोल करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.