दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग (DTC) कोरोना के संक्रमण के रोकथाम के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग को बरकरार रखने के लिए डीटीसी व क्लस्टर बसों में ई-टिकटिंग सिस्टम को शुरू करने जा रहा है. इसके लिए परिवहन विभाग आज से रूट नंबर 473 की सभी क्लस्टर बसों में तीन दिवसीय ई-टिकटिंग सिस्टम का ट्रायल शुरू कर दिया है.
ट्रायल के दौरान इन बसों में चलने वाले यात्रियों को मोबाइल की मदद से टिकट लेना होगा. ई-टिकट लेने के लिए यात्रियों को अपने मोबाइल पर चार्टर ऐप को डाउनलोड करना होगा. इस ऐप की मदद से यात्री टिकट की कीमत (यदि आपको पता हैं) या चढ़ने-उतरने वाले स्टॉप के विकल्प को चुनकर ई-टिकट ले सकते हैं.
दिल्ली परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के मुताबिक, यात्रियों और कंडक्टरों के बीच ज्यादा से ज्यादा दूरी सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार अपनी बसों के लिए ई-टिकटिंग प्रणाली (कॉन्टैक्टलेस टिकट सिस्टम) शुरू करने की योजना बना रही है, ताकि इसकी वजह से कोरोना वायरस का फैलाव न हो सके.
दिल्ली सरकार का मानना है कि यात्रियों और कंडक्टरों के बीच टिकट या नकदी आदान-प्रदान करने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में कठिनाई होती है. डिप्टी कमिश्नर (क्लस्टर) की अध्यक्षता में इसके समन्वय और कार्यान्वयन के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है. टास्क फोर्स में डीटीसी और दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम लिमिटेड (डीआईएमटीएस) के अधिकारियों के अलावा आईआईआईटी दिल्ली के रिसर्चर्स और विश्व संसाधन संस्थान (WRI) के एक्सपर्ट्स भी शामिल हैं.
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टास्क फोर्स की सिफारिशों पर, परिवहन विभाग ने रूट नंबर 473 की क्लस्टर स्कीम की सभी बसों में 5, 6 और 7 अगस्त, 2020 को मोबाइल टिकटिंग का वास्तविक ट्रायल किया जाएगा. इसके लिए एक अगस्त से रूट नंबर 473 की क्लस्टर स्कीम की बसों में ऐप डाउनलोड करने, उपयोग करने और मोबाइल टिकट खरीदने की जानकारी देने के लिए उक्त मार्ग के सभी बसों में पोस्टर लगा कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
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दिल्ली के इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईआईआईटी) के तकनीकी सहयोग से इस मुहिम के लिए एक खास ऐप भी बनाया गया है, जिसका नाम है चार्टर (Chartr). डीआईएमटीएस के सुपरविजन में एक टीम ट्रायल के दौरान रूट नंबर 473 की बसों में निरीक्षण करेंगे और टीम अन्य पहलुओं के अलावा यात्रियों से प्रतिक्रिया प्राप्त करेगी. यात्रियों की सुविधा के लिए रूट नंबर 473 पर चलने वाली सभी बसों में हिंदी और अंग्रेजी के 6 पोस्टर चस्पा किए गए हैं, ताकि यात्री उससे मदद लेकर मोबाइल में ऐप इंस्टॉल करके ई-टिकट खरीद सकें. बस की सभी सीटों के पीछे क्यूआर कोड चस्पा किया गया है, ताकि किराए का भुगतान करने में यात्रियों को सहूलियत रहे. साथ ही बसों के कंडक्टर और डिपो के प्रबंधकों को आईआईटी दिल्ली की टीम ने प्रशिक्षण दिया है, ताकि वे यात्रियों की मदद कर सकें.
इस तरह होगा ई-टिकट सिस्टम
बस में यात्रा करने वाले यात्रियों को मोबाइल से टिकट खरीदने के लिए चार्टर (Chartr) ऐप बनाया गया है. यात्रियों को पहले अपने मोबाइल में इस ऐप को इंस्टॉल करना होगा. अपना रजिस्ट्रेशन करने के बाद यात्री दो तरीके से ई-टिकट प्राप्त कर सकते हैं. पहला, यदि आप टिकट की कीमत जानते हैं, तो आप बाई फेयर विकल्प पर जाकर क्यूआर कोड को स्कैन करेंगे और बाई बटन को दबाएंगे और भुगतान का विकल्प चुन कर टिकट ले सकते हैं.
दूसरा, यदि आप चढ़ने वाला और गंतव्य बस स्टॉप का नाम जानते हैं, तो आपको ऐप के बाई डेस्टिनेशन विकल्प पर जाकर अपना बस मार्ग और बस स्टॉप चुनेंगे. फिर आखिरी बस स्टॉप चुनेंगे. इसके बाद बाई बटन दबाएं और क्यूआर कोड स्कैन कर भुगतान करेंगे. ई-टिकटिंग सिस्टम एक ऐपीआई (ऐप्लिकेशन इंटरफेस) है, जिसे किसी भी ऐप जैसे पेटीएम, फोन पे, ओला या उबर के साथ जोड़ा जा सकता है. इसी के साथ प्रत्येक बस के जीपीएस ट्रैकिंग को भी इनेबल करना होगा. वर्तमान में सभी क्लस्टर बसों में जीपीएस ट्रैकर हैं.