सेबी के चेयरमैन तुहिन कांता पांडे (Tuhin Kanta Pandey) का कहना है कि रिटेल निवेशकों को सुरक्षित करने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं, पिछले कुछ वर्षों में तेजी से रिटेल निवेशकों ने ऑप्शन ट्रेडिंग के जरिये पैसे गंवाए हैं, आंकड़े बताते हैं कि 90 फीसदी से ज्यादा रिटेल निवेशकों को ऑप्शन ट्रेडिंग में नुकसान हुआ है.
सेबी के चेयरमैन ने अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट ग्रुप (Jane Street Group) पर भारत के डेरिवेटिव्स मार्केट (Derivatives Trading) में कथित हेरफेर के लिए लगाए गए बैन पर खुलकर पर बातचीत की. एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि सेबी (SEBI) इस मामले को निगरानी के तहत देख रही है, जिसमें एक्सचेंज और सेबी दोनों स्तरों पर नजर रखी जा रही है.
अमेरिकी फर्म पर शिकंजा
सेबी प्रमुख ने बताया कि यह कदम व्यापक विश्लेषण पर आधारित था और हेरफेर में भी कई तरह के मामले होते हैं, जो सेबी के धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार ट्रेड पर रोक (PFUTP) नियमों के तहत कटिबद्ध हैं.
बता दें, सेबी ने जेन स्ट्रीट और इसके सहयोगियों को भारतीय प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया और बैंक निफ्टी इंडेक्स में हेरफेर के जरिए ₹4,843 करोड़ की कथित अवैध कमाई को जब्त करने का आदेश दिया, जो मुख्य रूप से एक्सपायरी दिनों पर रणनीतिक ट्रेड के माध्यम से हुआ. डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग पर एक श्वेत पत्र, जिसमें साप्ताहिक एक्सपायरी डेटा का विश्लेषण होगा, जल्द ही आने की उम्मीद है.
लगातार जांच के बाद खुलासा
उन्होंने कहा कि जेन स्ट्रीट और इसके सहयोगियों को भारतीय प्रतिभूति बाजार में नए ऑर्डर देने से प्रतिबंधित कर दिया और ₹4,843 करोड़ की कथित अवैध कमाई को जब्त करने का आदेश दिया. यह कथित कमाई मुख्य रूप से बैंक निफ्टी इंडेक्स में हेरफेर के माध्यम से हुई, विशेष रूप से साप्ताहिक ऑप्शन एक्सपायरी के दिन लिए गए ट्रेड पर,
तुहिन कांत पांडे ने कहा कि सेबी डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग पर एक श्वेत पत्र तैयार कर रही है, जिसमें साप्ताहिक एक्सपायरी डेटा का विश्लेषण शामिल होगा, और यह जल्द ही जारी किया जाएगा.
उन्होंने यह भी कहा कि सेबी का डेटा विश्लेषण और निगरानी तंत्र मजबूत है, जो बाजार में अनुचित प्रथाओं का पता लगाने में सक्षम है. जेन स्ट्रीट का मामला विशेष रूप से बैंक निफ्टी इंडेक्स पर केंद्रित था, जहां फर्म ने कथित तौर पर ऑप्शन एक्सपायरी के दौरान अपने ट्रेड को रणनीतिक रूप से समयबद्ध करके बाजार को प्रभावित किया. सेबी की कार्रवाई का उद्देश्य बाजार की अखंडता को बनाए रखना और निवेशकों के हितों की रक्षा करना है.