नई सरकार के लिए यह वक्त बढ़िया है क्योंकि सब्जियों और खाने के तेल के दाम तो गिर चुके हैं, डीजल की कीमतें भी गिरती जा रही हैं. डीजल के दाम और गिरने से खाने-पीने की वस्तुओं के दाम गिरेंगे क्योंकि उनकी ढुलाई सस्ती होगी. इसका असर यह होगा कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती करेगा जिसका अच्छा असर रियल एस्टेट पर पड़ेगा.
कारोबारियों का मानना है कि आने वाले समय में खाने-पीने के सामानों की कीमतें सामान्य स्तर पर ही रहेंगी. सब्जियों का उत्पादन बढ़ने से उनकी कीमतों में कमी आएगी. इस समय प्याज और टमाटर के भाव काफी गिर चुके हैं और आलू की नई फसल का इंतजार है. तब उसके दाम 10 से 15 फीसदी तक गिर जाएंगे. उसका भी सब्जियों की कीमतों पर असर पड़ेगा.
कीमत के मोर्चे पर सबसे बड़ी बात यह है कि डीजल और पेट्रोल की कीमतें अभी और गिरेंगी. दोनों के दामों में कुछ ही दिन पहले ही कटौती हुई थी और अब फिर कटौती की तैयारी है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के गिरते दामों का यहां असर साफ दिख रहा है. तेल के दाम बाहर गिरने से सरकार को 15,000 करोड़ रुपये की बचत होगी. इससे अर्थव्यवस्था का घाटा कम होगा.