अगर सॉफ्टवेयर की दुनिया में भारत की धमक लगातार बरकरार है, तो इसके पीछे कुछ ठोस वजहें भी हैं. इनमें सबसे बड़ी वजह है भारत के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की सेलरी दुनिया के अन्य देशों के ऐसे ही इंजीनियरों की तुलना में सबसे कम होना.
इस बात की पुष्टि आंकड़ों से भी हो जाती है. आपको यह जानकर शायद ताज्जुब हो कि भारत के एक युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर की औसत सेलरी एक अमेरिकी सॉफ्टवेयर इंजीनयर की सेलरी का महज 3 फीसदी ही है. अगर नॉर्वे या कतर जैसे देशों से तुलना की जाए, तो यह आंकड़ा और घट जाएगा.
तस्वीरों में आप पूरा आंकड़ा देख सकते हैं...
इसके बावजूद भारत के सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सेलरी को इसलिए कम नहीं आंका जा सकता, क्योंकि यहां रहन-सहन का स्तर अमेरिका की तुलना में नीचे है. इस वजह से रहन-सहन का खर्च अमेरिका की तुलना में कम बैठता है. आगे आने वाले वक्त में भी इस क्षेत्र में भारत का दबदबा कायम रहने वाला है.