जल्द ही देश के राष्ट्रीय राजमार्गों (नेशनल हाईवे) पर नहीं दिखेंगी शराब की दुकानें क्योंकि केंद्र ने राज्यों से राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित शराब की दुकानों को हटाने तथा कंपनियों को नये लाइसेंस जारी करने से परहेज करने की सलाह दी है. शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण 2009 से 2011 के बीच राजमार्गों पर 82,807 दुर्घटनाएं हुई है. इसे देखते हुए केंद्र ने राज्यों को यह सलाह दी है.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राज्यों के मुख्य सचिवों को हाल में जारी परामर्श में कहा है, ‘राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित मौजूदा शराब की दुकानों को हटाया जाए और राष्ट्रीय राजमार्गों पर शराब की दुकान चलाने वालों के लिये नये लाइसेंस नहीं दिये जाएं.’
इसमें कहा गया है कि शराब की दुकानों के लिये लाइसेंस राज्यों की आबकारी नीति के अंतर्गत आता है.
मंत्रालय ने राज्यों को सलाह दी है कि उन्हें उन मामलों की समीक्षा करनी चाहिए जहां पूर्व में राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास शराब की दुकानें खोलने के लिये लाइसेंस दिये गये थे और सुधारात्मक कदम उठाये जाने चाहिए.
मंत्रालय के अनुसार शराब व ड्रग्स लेकर गाड़ी चलाने के कारण 2009 से 2011 के बीच 82,807 दुर्घटनाएं हुई.