चीन के शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी रहता है तो इसका असर चीन की अर्थव्यवस्था पर दिखने लगेगा. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के नकारात्मक संकेत से दुनिया भर की कमजोर अर्थव्यवस्थाओं पर गंभीर असर पड़ने के आसार हैं.
चीन में थम सकती है आर्थिक सुधारों की रफ्तार
चीन में पिछले कुछ सालों से चले रहे आर्थिक सुधार कार्यक्रम को तगड़ा झटका लग सकता है. गौरतलब है कि वैश्विक दबाव के चलते चीन अपनी अर्थव्यवस्था से सरकारी नियंत्रण कम करने के कदम उठा रहा है. इसके साथ ही वह तमाम सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी कम करने की योजना पर भी काम कर रहा है. लेकिन शेयर बाजार में गिरावट हावी होने पर जिस तरह से चीन सरकार बाजार को सपोर्ट करने के लिए आगे आई है उससे साफ है कि आने वाले दिनों में चीन अपने सुधार क्रार्यक्रमों को कुछ समय के लिए दरकिनार कर सकता है.
चीन संकट का अमेरिका और यूरोप के बैंकों पर असर
चीन में जारी गिरावट को लेकर दुनिया भर के विशेषज्ञ चिंतित हैं क्योंकि चीन की अर्थव्यवस्था दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं के साथ जुड़ी हुई है. चीन की अर्थव्यवस्था में होने वाला कोई भी असर दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं पर अहम असर डाल सकता है. चीन कमोडिटी बाजार का सबसे बड़ा उपभोक्ता है. चीन की अर्थव्यवस्था में दबाव से मेटल कीमतों पर लगातार बुरा असर देखने को मिल रहा है. यूरोप और अमेरिका का सबसे ज्यादा कारोबार चीन के साथ हो रहा है. अमेरिका के ज्यादातर बैंकों का चीन में बड़ा निवेश है और ग्रीस के मुकाबले चीन में उन्हें कई गुना ज्यादा एक्सपोज़र है. लिहाजा चीन में किसी संकट का बड़ा असर अमेरिका समेत यूरोप के कई बैंकों पर भी पड़ेगा.
गिरावट से चीनी कंपनियों को लगा बड़ा झटका
शंघाई पर लिस्टेड कंपनियों में लगभग 43 फीसदी कंपनियों ने इस गिरावट को देखते हुए कारोबार रोक दिया. चीन के शेयर मार्केट रेग्युलेटर सीएसआरसी (चाइना सिक्योरिटीज रेग्युलेटरी कमीशन) के मुताबिक बाजार में पैनिक सेंटीमेंट हावी होने से निवेशकों ने अपना निवेश सुरक्षित करना शुरू कर दिया था. बुधवार की इस गिरावट का अंदाजा इसी बात से लगता है कि दिन के कारोबार में चीन की जीडीपी के 50 फीसदी के बराबर का मार्केट कैप साफ हो गया. इसके साथ ही बाजार में तैयार पड़े कई चीनी कंपनियों के आईपीओ में देरी संभव है जिसके चलते चालू वित्त वर्ष में चीन की कंपनियों के विस्तार योजना पर नकारात्मक असर पड़ेगा.
चीन में मंदी से सुरक्षित है भारत का बाजार
ऐनालिस्टों और ट्रेडरों का मानना है कि चीन में गिरावट के चलते भारतीय बाजारों में ज्यादा गिरावट देखने को नहीं मिलेगी . चीन में मार्केट के क्रैश करने के बाद भारत उन चुनिंदा देशों में हो सकता है, जहां विदेशी निवेशक पैसा लगाने की पहल कर सकते हैं. कुछ जानकारों का मानना है कि चीन में मार्केट क्रैश का सीधा फायदा भारत को पहुंच सकता है. ग्लोबल मार्केट में कमोडिटी के दाम कम होने से भारतीय कंपनियों का मार्जिन बढ़ जाएगा और जल्द ही विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार चीन से ज्यादा लुभावना लगने लगेगा. गौरतलब है कि गुरुवार को भारतीय मुद्रा ने फॉरेक्स मार्केट पर डॉलर और यूरो के मुकाबले अपने स्थिति को मजबूत कर लिया है.