संसद में बजट सत्र का अगला चरण गुरुवार से शुरू हो रहा है और देशभर में केन्द्र सरकार के कर्मचारियों की नजर वित्त मंत्री पर रहेगी. पांच राज्यों में चुनाव के लिए वोटिंग खत्म हो चुकी होगी और सबको इंतजार सातवें वेतन आयोग में बढ़े भत्ते पर केन्द्र सरकार के फैसले का है.
केन्द्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को पिछले साल लागू कर दिया था लेकिन सैलरी में इजाफे के अलावा कर्मचारियों के भत्तों में इजाफा नहीं हो पाया है. इस इजाफे के लिए केन्द्र सरकार ने वित्त सचिव अशोक लवासा के नेतृत्व में कमिटी बना दी थी जिसे वेतन आयोग की सिफारिशों पर अंतिम फैसला लेकर कर्मचारियों का भत्ता तय करना था.
अशोक लवासा कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप चुकी है लेकिन पांच राज्यों में चल रहे चुनाव प्रक्रिया के चलते वह फैसले की घोषणा नहीं कर सकी थी. लिहाजा, अब जब बुधवार को उत्तर प्रदेश में आखिरी चरण के लिए वोटिंग पूरी हो जाएगी, केन्द्र सरकार के देशभर में फैले कर्मचारियों को इंतजार सरकार से भत्तों पर अंतिम फैसले का है.
7वें वेतन आयोग की खास बातें और कर्मचारियों के अहम मुद्दे
1. सातवें वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट नवंबर 2015 में दी जिसके बाद जून 2016 में केन्द्र सरकार से इसे मंजूरी मिल गई. इसके बाद से देश में कई प्रदर्शन देखने को मिले जहां कर्मचारी अपनी संशोधित सैलरी की मांग कर रहे हैं.
2. सातवें वेतन आयोग ने मूल वेतन में 14.27 फीसदी के इजाफे की सिफारिश की थी. वहीं आयोग ने एचआरए (हाउसिंग अलाउंस) में 138.71 फीसदी बढ़ोत्तरी की सिफारिश के साथ अन्य भत्तों में 49.79 फीसदी इजाफा करने का प्रस्ताव दिया है.
3. आयोग ने सरकारी कर्मचारियों को मिल रहे 196 प्रकार के भत्तों में से 53 भत्तों को हटाने का प्रस्ताव दिया है. इसके बावजूद कर्मचारियों के भत्ते में हुए इजाफे से मौजूदा वित्त वर्ष में सरकारी खजाने पर 29,300 करोड़ रुपये (17,200 करोड़ रुपये एचआरए और 12,100 करोड़ रुपये अन्य भत्ते) का बोझ पड़ेगा.
4. वेतन आयोग की सिफारिशों का फायदा 47 लाख केन्द्रीय कर्मचारियों और 53 लाख पेंशनधारकों को मिलेगा. इसमें सेना के 14 लाख कर्मचारी और 18 लाख पेंशनधारक शामिल हैं.
5. जहां केन्द्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनधारक अभी वेतन आयोग के फायदे का इंतजार ही कर रहे हैं, कई राज्यों ने न सिर्फ अपने कर्मचारियों के लिए आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला किया बल्कि कुछ ने इसे लागू करना भी शुरू कर दिया है.
6. हरियाणा सरकार और विधानसभा चुनाव की ओर अग्रसर उत्तराखंड सरकार ने वेतन आयोग की सिफारिशों को नए साल से प्रभावी होने की घोषणा कर दी है.
7 जम्मू¬-कश्मीर में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को अगले साल से लागू किया जाएगा हालांकि राज्य. सरकार ने अपने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया है कि उन्हें आयोग की सिफारिशों का फायदा जनवरी 2016 से ही मिलेगा.