scorecardresearch
 

गिरते रुपये को रिजर्व बैंक का सहारा, 58.98 तक गिरकर संभला, फिर भी 24 पैसे नीचे

पिछले दो-तीन दिन से लगातार गिरते रुपये को मंगलवार को रिजर्व बैंक ने सहारा दिया. अमेरिकी डालर के मुकाबले 58.98 रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिर चुके रुपये को रिजर्व बैंक का सहारा मिलने से कारोबार की समाप्ति पर यह कुछ सुधरकर 58.39 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ.

Advertisement
X

पिछले दो-तीन दिन से लगातार गिरते रुपये को मंगलवार को रिजर्व बैंक ने सहारा दिया. अमेरिकी डालर के मुकाबले 58.98 रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिर चुके रुपये को रिजर्व बैंक का सहारा मिलने से कारोबार की समाप्ति पर यह कुछ सुधरकर 58.39 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ.

हालांकि, पिछले दिन के मुकाबले इसमें 24 पैसे की गिरावट रही. डालर के मुकाबले रुपया सोमवार को 58.15 रुपये पर बंद हुआ था. कारोबार के दौरान मंगलवार को यह 59 रुपये के करीब तक गिरने के बाद रिजर्व बैंक के दखल से सुधरकर 58.39 रुपये पर बंद हुआ. फिर भी सोमवार के मुकाबले इसमें 24 पैसे की गिरावट दर्ज की गई. रुपये में गिरावट का यह लगातार पांचवां दिन रहा. विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा सरकारी बॉन्‍ड बेचे जाने और मुनाफा वसूली से शेयर बाजार में भी मंदी का रुख रहा.

बहरहाल, रुपये के अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचने के बाद रिजर्व बैंक के दखल से एक समय रुपया मजबूती के साथ वापस 58.24 रुपये प्रति डालर पर आ गया, लेकिन कारोबार की समाप्ति पर कुछ नरम पड़कर 58.39 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ. इंडसइंड बैंक के आर्थिक और बाजार अनुसंधान के प्रमुख मोसेस हार्डिंग का कहना है, 'लगता है रिजर्व बैंक बाजार में प्रवेश के लिये ऐसे मौके का इंतजार कर रहा था, जब आयातक बाहर निकलें और निर्यातक बाजार में डालर बेचने के लिये पहुंचे.

Advertisement

रुपया जब 58.90 के नजदीक था, तब रिजर्व बैंक ने हस्तक्षेप किया. इससे रुपया 60 तक लुढ़कने से पहले ही मजबूती की तरफ लौट आया. इसे 57 के स्तर तक लाने के लिये और करने की आवश्यकता है.' वर्ष 2013 में अब तक उभरते बाजारों की मुद्राओं में रुपया सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा रही है. आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम ने कहा, 'यह गिरावट अस्थाई है. रुपये की गिरावट बाजार में एक सुधार जैसा है.

हमारा अनुमान है कि कुछ विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) अब भारी निवेश के साथ बाजार में उतरने वाले हैं. इससे अगले तीन से चार दिन में हम स्थिति में कुछ सुधार दिखेगा.' मुख्य आर्थिक सलाहकार रघुराम राजन ने कहा कि वित्त मंत्रालय जल्द ही मंत्रिमंडल के विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने की सिफारिश करेगा. इन उपायों से न केवल चालू खाते के घाटे की भरपाई का अल्पकालिक उद्देश्य पूरा होगा बल्कि दीर्घकाल में सतत वृद्धि के लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकेगा.

इंडिया फारेक्स एडवाइजर के संस्थापक और सीईओ अभिषेक गोयनका ने कहा, 'पिछले महीने से रुपया लगातार डालर की तुलना में गिर रहा है. बाजार से पूंजी निकासी के दबाव से इसमें गिरावट बनी हुई है. इसके अलावा स्थानीय स्तर पर बुनियादी स्थिति भी कमजोर बनी हुई है.' रिजर्व बैंक ने विदेशी विनियम बाजार में मंगलवार के कारोबार के लिये 58.9255 रुपये प्रति डालर तथा 78.1846 रुपये प्रति यूरो की संदर्भ दर तय कर रखी थी. कारोबार की समाप्ति पर रुपया पौंड स्टर्लिंग के समक्ष 90.79 रुपये और यूरो के समक्ष 77.53 रुपये प्रति यूरो पर बंद हुआ. हालांकि जापानी येन के मुकाबले इसमें गिरावट दर्ज की गई.

Advertisement
Advertisement