अन्य मुद्राओं की तुलना में डॉलर में मजबूती के रुख से मंगलवार को ग्लोबल फॉरेक्स एक्सचेंज पर डॉलर के मुकाबले रुपया 29 पैसे टूटकर 64.16 पर खुला है. फॉरेक्स डीलरों ने रुपये में गिरावट का श्रेय युआन के मुकाबले डॉलर में मजबूती को दिया.
चीन ने किया अपनी मुद्रा का अवमूल्यन
चीन के सेंट्रल बैंक ने मंगलवार को अपनी मुद्रा का अवमूल्यन कर दिया है. इसके चलते डॉलर के मुकाबले चीन की मुद्रा में 2 दशकों की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हुई है. चीनी आयातकों के बीच डॉलर की मांग बढ़ गई है. चीन सरकार का मानना है कि उसके इस कदम से तीनी मुद्रा को बाजार के हवाले करने में मदद मिलेगी. गौरतलब है कि चीन सरकार अपनी मुद्रा पर मजबूत पकड़ रखती है लेकिन अर्थव्यवस्था में जारी कमजोरी का रुख बदलने के लिए उसपर मुद्रा को बाजार के हवाले करने का दबाव है.
चीन की मुद्रा में कमजोरी से मजबूत हुआ डॉलर
मंगलवार सुबह ग्लोबल फॉरेक्स मार्केट में चीन के कदम से जहां डॉलर में मजबूती कायम हुई, वहीं रुपये में 29 पैसे की बड़ी गिरावट दर्ज हुई. हालांकि सुबह शेयर बाजारों में मामुली तेजी ने रुपये की गिरावट पर कुछ हद तक लगाम लगा दिया था. सोमवार के कारोबारी सत्र में भी डॉलर के मुकाबले रुपये में 6 पैसे की गिरावट दर्ज हुई थी.
अमेरिका पर डॉलर डीवैल्यू करने का दबाव बढ़ा
अमेरिका के साथ-साथ यूरोप के ज्यादातर केन्द्रीय बैंकों का मानना था कि चीन देश की मुद्रा पर अपने पकड़ को कमजोर नहीं करेगा. लेकिन मंगलवार के इस फैसले के बाद अमेरिका के फेडरल रिजर्व पर दबाव बढ़ सकता है. गौरतलब है कि अमेरिका में अच्छे आर्थिक संकेतों के बीच माना जा रहा है कि फेडरल रिजर्व जल्द ब्याज दरों मं इजाफा कर सकती है. लेकिन अब अमेरिका पर अपनी मुद्रा का चीन की तर्ज पर डीवैल्यू करने का दबाव बढ़ जाएगा. फॉरेक्स जानकारों का मानना है कि मजबूत हो रहे डॉलर से अमेरिका ने अपने महंगाई दर को काबू में कर रखा था.