रिलायंस इंडस्ट्रीज ने गुरुवार को घोषणा की कि वह तीन साल में पेट्रोकेमिकल, तेल-गैस, साथ खुदरा व दूरसंचार क्षेत्र के अपने मुख्य कारोबार में 1,500 अरब रुपए (1.5 लाख करोड़ रुपये) का निवेश करेगी.
कंपनी के शेयरधारकों की 39वीं आम बैठक को संबोधित करते हुए कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, ‘रिलायंस का यह अब तक का सबसे बड़ा निवेश कार्यक्रम होगा.’
उन्होंने कहा कि यह निवेश मुख्य रूप से तेल एवं गैस उत्खनन व उत्पादन, रिफाइनिंग एवं विपण, पेट्रोकेमिकल, खुदरा और ब्रॉडबैंड व डिजिटल सेवाओं में किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि आरआईएल विश्व की पांच शीर्ष पेट्रोकेमिकल कंपनियों में स्थान बनना चाहती है और कंपनी की पेट्रोकेमिकल उत्पादन क्षमता सालाना 1.5 करोड़ टन से बढ़ाकर 2.5 करोड़ टन की जा रही है.
अंबानी ने पिछली सालाना आम बैठक में अगले चार-पांच साल में 1,00,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की थी. उसने अब 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश तीन साल में ही करने की बात की है.
आरआईएल की ब्रिटेन की बीपी के साथ भागीदारी का फायदा दिखना शुरू हो गया है. मौजूदा उत्पादन क्षेत्र केजी-डी6 ब्लॉक में दो किलोमीटर नीचे गैस की खोज के साथ कंपनी अब इस गैस क्षेत्र और आस-पास के क्षेत्रों में इसका उत्पादन शुरू करने पर विचार कर रही है.
अंबानी ने कहा कि कंपनी मध्य प्रदेश के शोगापुर में स्थित कोल-बेड-मिथेन (सीबीएम) से उत्पादन शुरू करने पर विचार कर रही है. कंपनी ने दूरसंचार सेवा शुरू करने के संबंध में जानकारियां नहीं दी लेकिन उन्होंने कहा कि दूरसंचार कारोबार इकाई में कर्मचारियों की संख्या अगले साल बढ़ाकर 10,000 की जाएगी जो फिलहाल 3,000 है.
समूह की दूरसंचार शाखा रिलायंस जियो इन्फोकॉम इकलौती कंपनी है जिसे देश भर में 4जी ब्रॉडबैंड सेवा की मंजूरी मिली है लेकिन अभी इसने वाणिज्यिक सेवा शुरू नहीं की है.
रिलायंस प्रमुख अंबानी ने शेयरधारकों से कहा, ‘भारत की संभावनाओं, अपने मजबूत भरोसे के साथ हम अगले तीन साल में 1,50,000 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रहे हैं.
अंबानी ने कहा कि 4जी सेवा की कीमत कम होगी और इसके तहत ऐसी बेहतरीन सेवाएं प्रदान की जाएंगी जो फिलहाल नहीं हैं.
उन्होंने कहा, ‘आने वाले दिनों में रिलायंस जियो के आधुनिकतम डिजिटल बुनियादी ढांचे और सेवा मंच से परिवर्तन आएगा.’