शाम होते ही गुलजार रहने वाला रेस्टोरेंट-बार में पिछले 4 महीने से ताला लटका है. जल्द उम्मीद भी नहीं है कि फिर से रेस्टोरेंट-बार में भीड़ उमड़ पडे़गी. दरअसल, कोरोना की वजह से रेस्टोरेंट और बार का कारोबार चौपट हो गया है. इस वजह से दिल्ली-एनसीआर में 60-70 फीसदी रेस्टोरेंस और बार मालिक अपने लाइसेंस को रिनुअल नहीं करवा रहे हैं. यही नहीं, कई कारोबारी तो नाउम्मीद होकर दूसरे बिजनेस में हाथ आजमा रहे हैं.
बार और रेस्टोरेंट कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि जब कारोबार ही बंद है तो फिर लाइसेंस रिनुअल करवाकर क्या होगा? दिल्ली रेस्टोरेंट और होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष का कहना है कि बिजनेस ठप पड़ा है. पिछले 4 महीने से सभी रेस्टोरेंट और बार बंद हैं. इसलिए लोग निगम से लाइसेंस रिनुअल नहीं करवा रहे हैं.
संतोष का कहना है कि अब सरकार को रेस्टोरेंट और बार कारोबारियों के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए. क्योंकि इस कारोबार से जुड़े लोग 4 महीने से बेरोजगार हैं. अब घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है. इसलिए लाइसेंस रिनुअल कैसे कराएं, ये बड़ी चुनौती है.
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वहीं गाजियाबाद में रेस्ट्रो-बार चलाने वाले युद्धवीर सिंह ने अब अपना बिजनेस ही बदल दिया. उन्होंने रेस्ट्रो-बार को अब नॉनवेज और फूड आइटम सप्लाई में बदल दिया है, क्योंकि रेस्ट्रो-बार बंद होने से आमदनी का कोई और जरिया नहीं बचा था. उन्होंने कहा कि ये कदम मजबूरी में उठाना पड़ा है, क्योंकि रेस्टोरेंट का किराया और स्टॉफ के वेतन में बड़ा अमाउंट जाता है. उन्होंने कहा कि अब नया कारोबार अच्छा चल रहा है, इसलिए अब इसी पर फोकस करेंगे. अच्छे-खासे होम डिलीवरी के लिए ऑर्डर मिल रहे हैं.
दिल्ली, गाजियाबाद की तरह नोएडा में भी रेस्ट्रो-बार ऑनर परेशान हैं. यहां के कई रेस्ट्रो-बार मालिकों का कहना है कि बार लाइसेंस के लिए लाखों रुपये देने पड़ते हैं. इसलिए लॉकडाउन के दौरान कईयों ने बिजनेस को बदल दिया, क्योंकि रिनुअल के लिए लाखों रुपये कहां से लाते और फिर कोरोना की वजह से कारोबार खुलने की फिलहाल उम्मीद भी नहीं है.
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नोएडा में बार चलाने वाले विजय सिंह का कहना है कि प्रशासन की ओर से रेस्टोरेंट और बार कारोबारियों को राहत दी जानी चाहिए. उन्होंने सरकार ने रिनुअल में छूट देने की मांग की है. विजय सिंह की मानें तो नोएडा में इस कारोबार से जुड़े लोगों के सामने पेट पालने की समस्या उत्पन्न हो गई है. इसलिए नियमों के तहत कारोबार को शुरू करने की इजाजत मिलनी चाहिए, ताकि किसी तरह इस क्षेत्र से जुड़े लोग अपना भरण-पोषण कर पाएं.