scorecardresearch
 

आज मिल सकता है सस्ते कर्ज का तोहफा, RBI करेगा ब्याज दरों में कटौती?

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति आज ब्याज दरों में कटौती को लेकर फैसला लेगा. मंगलवार से शुरू हुई  इस बैठक में रेपो रेट में कटौती की जा सकती है. अगर ऐसा होता है तो आम आदमी से लेकर कारोबारियों को सस्ते कर्ज का तोहफा मिलेगा.  लेकिन इस बार भी अगर आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती नहीं करता है, तो आम आदमी को सस्ते कर्ज के लिए फरवरी तक इंतजार करना पड़ सकता है.

Advertisement
X
आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता में जारी है बैठक (फाइल)
आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता में जारी है बैठक (फाइल)

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति आज ब्याज दरों में कटौती को लेकर फैसला लेगी. मंगलवार से शुरू हुई  इस बैठक में रेपो रेट में कटौती की जा सकती है. अगर ऐसा होता है तो आम आदमी से लेकर कारोबारियों को सस्ते कर्ज का तोहफा मिलेगा.  लेकिन इस बार भी अगर आरबीआई रेपो रेट में कटौती नहीं करता है, तो आम आदमी को सस्ते कर्ज के लिए फरवरी तक इंतजार करना पड़ सकता है.

हालांकि फरवरी में भी आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति अर्थव्यवस्था की चाल देखकर ही फैसला लेगी. आज आरबीआई के सामने रेपो रेट में कटौती करने के फैसले को लेकर कई चुनौतियां भी हैं.

कम हुआ है दबाव

मौद्रिक नीति समिति की बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब जीडीपी के आंकड़ों में सुधार देखने को मिला है. इससे अर्थव्यवस्था की हालत में सुधार आया है. इस सुधार को देखते हुए आरबीआई पर ब्याज दरें कम करने का दबाव जरूर कम हुआ है. हालांकि जीडीपी आंकड़ों के अलावा बढ़ती महंगाई और कच्चे तेल की लगातार बढ़ रही कीमतों की चुनौती भी उसके सामने रहेगी.

Advertisement

बढ़ी है महंगाई

थोक महंगाई दर और खुदरा महंगाई दर में इजाफा हुआ है. नवंबर में जारी किए गए अक्टूबर की थोक महंगाई दर के आंकड़ों को देखें तो यह बढ़कर 3.56 फीसदी के स्‍तर पर आ गई है. अक्टूबर में खुदरा महंगाई  दर भी 3.58 फीसदी के स्‍तर पर पहुंच गई है. महंगाई  बढ़ने के लिए खाद्य उत्पादों की लगातार बढ़ रही कीमतें हैं. इस बैठक में आरबीआई के पास बढ़ती महंगाई एक बड़ी चुनौती रहेगी.

तेल की कीमतों में इजाफा

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है. मौजूदा समय में कच्चा तेल 60 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया है. इससे देश में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है. इस वजह से ब्याज दरें घटाने और बढ़ाने को लेकर फैसला लेते वक्त आरबीआई की समिति इस पर भी विचार करेगी. समिति के फैसले को धार देने में यह फैक्टर भी अहम भूम‍िका निभाएगा.

पिछले कुछ महीनों के दौरान निजी क्षेत्र का निवेश घटा है. इस पर भी आरबीआई की मौद्रिक समिति विचार-विमर्श करेगी और इसके बाद ही कोई  फैसला लेगी.

जीडीपी का ये मिल सकता है फायदा

जीडीपी के आंकड़ों में सुधार आने का फायदा ग्रोथ प्रोजेक्शन में सुधार के तौर पर मिल सकता है. जीडीपी में आई तेजी को देखते हुए आरबीआई अर्थव्यवस्था के ग्रोथ अनुमान को बेहतर कर सकता है. 

Advertisement
Advertisement