भारतीय रिजर्व बैंक ने सौ, पांच सौ और एक हजार रुपये के नोट में दो और सुरक्षा फीचर जोड़े हैं. इन नोटों में नंबर लिखने का तरीका बदला गया है. दृष्टिहीन भी नोटों की पहचान कर सकें इसके लिये नोट के सीधी तरफ दायें और बायें दोनों ओर मोटी लाइनें खींची गई हैं जिनपर हाथ लगाने से नोट की पहचान की जा सकती है.
व्यापार मेले में RBI ले रहा है भाग
भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ 2015) में हॉल नंबर 18 में लगाये गये रिजर्व बैंक के स्टॉल पर नोटों में जोड़े गये नये फीचर और उनके सुरक्षा मानकों के बारे में आम जनता को जानकारी दी जा रही है और जागरूक किया जा रहा है.
नकली नोटों के चलन और बढ़ती धोखाधड़ी के प्रति आम जनता को सतर्क और सजग बनाने के लिये पिछले कुछ सालों से रिजर्व बैंक व्यापार मेले में भाग ले रहा है.
नोटों पर नंबर लिखने का तरीका बदला है
रिजर्व बैंक के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि सौ, पांच सौ और एक हजार रुपये के नोट में दो नये सुरक्षा फीचर जोड़े गये हैं. नोट के दोनों कोनों पर नंबर लिखने का तरीका बदला गया है. ये नंबर छोटे आकार से शुरू होकर आकार में बड़े होते चले जाते हैं. नोट के सीधी तरफ दायें और बायें छोर पर पहचान के लिये लाइनें खींची गई है. दृष्टिहीन व्यक्ति इन लाइनों को उंगलियों से छूकर नोट की पहचान कर सकते हैं.
उभरी लाइनों को छूकर पहचान सकते हैं
उन्होंने बताया कि सौ रुपये के नोट पर ऐसी चार लाइनें खींची गई है जबकि पांच सौ रुपये के नोट पर पांच और एक हजार रुपये के नोट पर छह लाइनें खींची गई हैं. ये लाइनें नोट पर उभरी हुई स्याही से खींची गई है इसलिये छूकर इन्हें महसूस किया जा सकता है.
बाकी फीचर पहले जैसे ही
इसके अलावा नोटों में पहले से रखे गये सभी सुरक्षा फीचर पहले जैसे ही हैं. इनमें नीले, हरे रंग में बदलने वाला गहरा-मोटा सुरक्षा धागा, वाटर मार्क जिसमें गांधी जी की तस्वीर और नोट की संख्या लिखी होती है, भारतीय रिजर्व बैंक और नोट मूल्य उभरी स्याही से लिखा होता है जिसे उंगलियां फेरने से महसूस किया जा सकता है.