साल 2018 में केंद्र सरकार ने एक सेविंग्स बॉन्ड योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत निवेश करने वाले निवेशकों को 7.75 प्रतिशत का ब्याज मिलता है. अब सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया है.
इस संबंध में केंद्रीय रिजर्व बैंक की ओर से अधिसूचना भी जारी की गई है. इस अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘28 मई 2020 से सेविंग्स बॉन्ड योजना निवेश के लिए उपलब्ध नहीं होगा.’’ आपको बता दें कि फिक्स्ड डिपॉजिट से ज्यादा ब्याज की वजह से खुदरा निवेशकों के बीच इस योजना को काफी पसंद किया जाता है.
जाहिर सी बात है, खुदरा निवेशकों के लिए ये एक झटका है. इन बॉन्ड में निवेश करने वाले अपनी मूल राशि की सुरक्षा के साथ ही नियमित आय को ध्यान में रखते हुये निवेश करते हैं. हालांकि, प्रवासी भारतीय इन बॉन्ड में निवेश के पात्र नहीं हैं.
आरबीआई का नोटिफिकेशन..

सरकार ने क्यों लिया फैसला
सरकार ने यह फैसला घटती ब्याज दरों को देखते हुए लिया है. दरअसल, केंद्रीय रिजर्व बैंक बाजार में नकदी प्रवाह के लिए कर्ज बांटने पर जोर दे रहा है. इसको देखते हुए रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में लगातार कटौती की जा रही है. हाल ही में केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 4.40 फीसदी से घटाकर चार फीसदी कर दिया है.
ये पढ़ें- कंपनी ने पूछा है PF से जुड़ा ये सवाल, जानें-आपको क्या करना है?
रेपो रेट कटौती की वजह से कर्ज पर ब्याज दर भी कम हो रही है. सरकार को आशंका है कि इस हालात में 7.75 प्रतिशत की ब्याज दर वाले सेविंग्स बॉन्ड योजना पर लागत ऊंची बैठ सकती है. मतलब ये कि सरकार को नुकसान हो सकता है. यही वजह है कि दो साल के भीतर इस बॉन्ड योजना को बंद करना पड़ा है. हाल ही में सरकार की ओर से सुकन्या जैसी स्मॉल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दरें भी कम की गई हैं.
सेविंग्स बॉन्ड योजना के बारे में
जनवरी, 2018 में शुरू की गई सेविंग्स बॉन्ड योजना की अवधि 7 साल की है. इसमें निवेशकों को 7.75 प्रतिशत का ब्याज मिलता है. सरकार के सेविंग्स बॉन्ड पर हर छमाही ब्याज मिलता है. इस योजना में 1000 रुपये के न्यूनतम रकम से भी निवेश किया जा सकता है. स्कीम की लॉन्चिंग के वक्त बताया गया था कि सात साल के अंत में हर 1,000 रुपये की वैल्यू 1,703 रुपये हो जाएगी. इन बॉन्ड पर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आता है.