देश में कोरोना संकट के बीच अब सरकार विदेशी निवेश को बढ़ावा देने में जुट गई है. इसी कड़ी में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एक अहम बैठक हुई. बैठक में निवेश की संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए रणनीति पर चर्चा की गई.
दरअसल कोरोना महामारी की वजह से सभी तरह के कारोबार बंद हैं. अर्थव्यवस्था पर भी इसका गहरा असर पड़ा है. इस संकट के बीच अर्थव्यवस्था में कैसे सुधार लाई जाए और विदेशी निवेश को कैसे लुभाया जाए. इस पर बैठक में सरकार का फोकस रहा.
निवेश के लिए बेहतर माहौला बनाने पर फोकस
बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि निवेशकों को किसी तरह की समस्या नहीं हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए, उन्हें केंद्र और राज्य स्तर पर क्लियरेंस को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं हो और इस प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम किया जाए. बैठक में विदेशी निवेश के साथ ही स्थानीय स्तर पर निवेश को प्रोत्साहन देने की रणनीति पर भी चर्चा हुई.
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पीएम मोदी के साथ इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, गृह मंत्री अमित शाह, वाणिज्य व उद्योग मंत्री और सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. बैठक में एक नीति बनाने पर विचार हुआ, जिससे देश में मौजूदा औद्योगिक भूमि/प्लॉट/एस्टेट में बुनियादी ढांचे को विस्तार दिया जा सका.
विदेशी निवेश के लिए बेहतर मौका: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि निवेश को बढ़ावा देने के लिए माहौला को और बेहतर बनाने की जरूरत है. इसके लिए इंफ्रास्ट्र्क्चर पर फोकस करना होगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि विदेशी निवेश के लिए राज्य और केंद्र के बीच तालमेत बिठाने की जरूरत है. इसके लिए राज्यों की जो समस्याएं हैं, उसपर हल करना होगा. वहीं राज्यों को अपनी भूमिका भी निभानी होंगी.
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बैठक में विदेशी निवेश को लेकर विभिन्न मंत्रालयों द्वारा की गई सुधार पर भी चर्चा की गई और इसे जारी रखने की सलाह दी गई. निवेश और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए समयबद्ध तरीके से कार्रवाई की जानी चाहिए.
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के बीच दुनिया भर की तमाम कंपनियां और निवेशक चीन के विकल्प की तलाश में हैं और उनकी नजर भारत पर है. कई बड़े अर्थशास्त्रियों का भी मानना है कि भारत के पास बेहतर मौका है, और भारत इस मौकों को भुनाकर मैन्युफैक्चरिंग हब बन सकता है.