सरकार द्वारा व्हाट्स एप्प और वाइबर जैसे एप्स से घरेलू इंटरनेट कॉल सेवाओं की रेगुलेशन की बात कही गयी है. सरकार के इस फैसले को भारतीय वाणिज्य एंव उद्योग मंडल (एसोचेम) ने खूब सराहना की. एसोचेम ने कहा कि सरकार को ओवर द टॉप (ओटीटी) सर्विस प्रोवाइडरों द्वारा पेश की जाने वाली सभी प्रकार की दूरसंचार सेवाओं के रेगुलेशन का दायरा और बढ़ाना चाहिए.
छूट देना है गलत
एसोचैम की दूरसंचार परिषद के चेयरमैन टी वी रामचंद्रन ने कहा कि एक तरफ ओटीटी कंपनियों द्वारा दी जाने वाली घरेलू कॉल पर रेगुलेशन का समर्थन करना और दूसरी तरफ इस प्रकार की कंपनियों द्वारा दी जाने वाली अंतरराष्ट्रीय वीओआईपी कालिंग तथा मैसेजिंग को छूट देना समझ के परे है. सभी पर रेगुलेशन होना चाहिए.
लोगों में है गुस्सा
आम लोगों में व्हाट्स एप्प और वाइबर जैसे एप्स से लोकल इंटरनेट कालिंग की रेगुलेशन के सरकारी फरमान से परेशान नजर आ रहे है. लोगों ने इसे एक कन्जूमर इंटरेस्ट के खिलाफ बताया. वहीं कॉर्पोरेट्स के संगठन एसोचैम इस रेगुलेशन को बिलकुल सही बता रहा है. रामचंद्रन ने कहा कि इंटरनेट आधारित मैसेजिंग एप्लीकेशन का रेगुलेशन किया जाना चाहिए क्योंकि इससे दूरसंचार कंपनियों का एसएमएस कारोबार लगभग खत्म हो गया है और समान अवसर उपलब्ध कराना शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए.
आईटी कंपनियां भी हैं नाराज
आईटी कंपनियों का शीर्ष संगठन नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेर एंड सर्विस कम्पनीज (नासकॉम) ने ऐसे किसी भी रेगुलेशन को गलत बताते हुए कहा कि यह निजता का उल्लंघन होगा. नासकॉम के अध्यक्ष तथा पूर्व टेलिकॉम सचिव आर चंद्रशेखर ने कहा है कि इस पूरे मामले का मकसद यह है कि कैसे दूरसंचार कंपनियों की आय की सुरक्षा की जाए.