ईरान पर लगे प्रतिबंध के हटने के साथ भारत सहित दुनिया में ये बहस तेज हो गयी है कि इसका क्या फायदा और क्या नुकसान होने वाला है. इसी बीच फायदे-नुकसान के नाप तौल को सरकार ने भारत के पक्ष में बताया. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि ईरान के खिलाफ प्रतिबंध हटने से तेल के अंतरराष्ट्रीय दामों में कमी आएगी और भारत को इसका सीधा लाभ मिलेगा.
होगी भारी गिरावट
प्रधान ने कहा कि ईरान के बाजार में आने के साथ ऐसा माना जा रहा है कि तेल कीमतों में जबरदस्त गिरावट आएगी. तेल के दाम में गिरावट का लाभ पाने वालों में से भारत भी एक होगा. भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता देश होने के साथ चीन के बाद ईरानी तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार भी है.
ईरान के साथ तेल का खेल?
बीते साल में भारत ने ईरान से 1.1 करोड़ टन कच्चा तेल का आयात किया. अब ईरान के बाजारों पर लगी रोक के हटने के बाद ईरान से आयत बढ़ाने की सोच सकता है. हालांकि इस पर प्रधान ने सीधे कुछ नहीं बताया कि भारत तेल का आयात बढ़ाएगा या नहीं? प्रधान ने डिप्लोमेटिक जवाब देते हुए कहा कि आयात में बढ़ोत्तरी कई इकनोमिक फैक्टर्स पर निर्भर करती है.
भारतीय तेल कंपनियों का क्या होगा?
दुनिया में कच्चे तेल के दामों में गिरावट के दौर में भारतीय कंपनियां खासतौर पर ओएनजीसी बुरी तरह प्रभवित हुई हैं और लगातार इसके मुनाफे में कमी भी आई हैं. अब ईरान के इंटरनेशनल मार्केट में प्रवेश करने पर तेल की कीमतों में और कमी आने की उम्मीद हैं. जिससे भारतीय तेल कंपनियों को अपनी लागत निकाल पाना भी मुश्किल हो सकता है.