केन्द्र सरकार की नीति निर्धारित करने वाली अहम संस्था नीति आयोग ने अपने लिए अगले तीन साल का एक्शन प्लान पेश किया है. वित्त वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक के लिए इस एक्शन प्लान के जरिए नीति आयोग और केन्द्र सरकार की तैयारी 2019-20 तक देश में चौबीस घंटे बिजली, सस्ता डीजल और पेट्रोल उपलब्ध कराने के लिए सुधार की जरूरत और 100 स्मार्ट सिटी में गैल डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क खड़ा करने की है.
कैसे बना 3 साल का एक्शन प्लान
केन्द्र सरकार के मुताबिक नीति आयोग के इस तीन साल के एक्शन प्लान के जरिए न्यू इंडिया की तरफ देश का मार्ग तैयार करना है. इस आयोग ने अपने एक्शन प्लान को अप्रैल 2017 में पूरा कर लिया था जिसके बाद इसे राज्यों से मशविरा के लिए रखा गया. अब कई राज्यों द्वारा दिए गए इनपुट के बाद एक्शन प्लान को जारी कर दिया गया है.
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क्यों लाया गया प्लान
1 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आदेश से अस्तित्व में आया सरकार का सबसे अहम थिंक टैंक नीति आयोग को योजना आयोग की जगह लेने के लिए तैयार किया गया. बीते 2 साल के दौरान नीति आयोग ने देश में सभी क्षेत्रों का विकास करने के लिए खाका तैयार किया है. गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने नीति आयोग से 15 साल, 7 साल के विस्तृत प्लान के साथ-साथ 3 साल का एक्शन प्लान देने के लिए कहा था. इसी क्रम में यह एक्शन प्लान नीति आयोग की तरफ से सामने रखा गया है. वहीं 7 साल और 15 साल के विस्तृत प्लान पर आयोग काम कर रहा है.
एक्शन प्लान के जरिए 3 साल में क्या मिलेगा?
नीति आयोग के एक्शन प्लान के मुताबिक आजादी के बाद देश में बदलाव के पहले लक्षण 1980 के दशक में दिखना शुरू हुए और 1991 देश की अर्थव्यवस्था के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ. पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव और अटल बिहारी बाजपेयी के कार्यकाल में 6 फीसदी विकास दर संभव हुई और फिर मनमोहन सिंह के कार्यकाल में 8 फीसदी के ग्रोथ ट्रैक पर अर्थव्यवस्था पहुंची. अब नीति आयोग इसे अगले तीन वर्षों तक मजबूत रखते हुए 2019 तक शिक्षा, स्वास्थ, एग्रीकल्चर, ग्रामीण विकास, डिफेंस, रेलवे, राजमार्ग पर अपना खर्च बढ़ाते हुए केन्द्र सरकारी की सबका साथ-साबका विकास के फॉर्मूले पर काम करेगी.
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मनरेगा का कराया जाए सोशल ऑडिट
सरकारी शोध संस्थान नीति आयोग ने ग्रामीण रोजगार योजना मनरेगा का सामाजिक अंकेक्षण अनिवार्य किए जाने का सुझाव दिया है. आयोग ने अपने तीन वर्षीय कार्य एजेंडे में कहा है कि किसी स्वतंत्र इकाई से मनरेगा का सामाजिक अंकेक्षण अनिवार्य किया जाना चाहिए. आयोग के मुताबिक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून मनरेगा को मजबूत बनाया जाना चाहिए.