नरेश गोयल की कंपनी जेट एयरवेज का घाटा चालू वित्तवर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में आठ गुना बढ़कर 891 करोड़ रुपये हो गया. कंपनी का कहना है कि रुपये की विनिमय दर में गिरावट तथा बढ़ती ईंधन कीमतों के कारण उसका घाटा बढ़ा है.
पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी को 99.7 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. कंपनी ने अपनी 24 प्रतिशत हिस्सेदारी संयुक्त अरब अमीरात की एतिहाद को बेची है. कंपनी ने नियामकीय सूचना में कहा कि हालांकि जेट एयरवेज की शुद्ध आय आलोच्य तिमाही में मामूली रूप से बढ़कर 4,194.7 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 4,137.63 करोड़ रुपये थी.
एकीकृत आधार (जेट एयरवेज तथा जेटलाइट) पर कंपनी का शुद्ध घाटा आलोच्य तिमाही में 998.5 करोड़ रुपये रहा. जेट एयरवेज के अनुसार आर्थिक नरमी के साथ रुपये की विनिमय दर में गिरावट, ईंधन की ऊंची लागत तथा चुनिंदा घरेलू हवाई अड्डों पर हवाई अड्डा शुल्क बढ़ने से कंपनी पर लागत का दबाव बढ़ा है.