देश में आर्थिक मंदी जैसे हालात बन रहे हैं. इस बीच, देश की दिग्गज आईटी कंपनी इन्फोसिस के को-फाउंडर एनआर नारायणमूर्ति का मानना है कि भारत ने 300 सालों में पहली बार एक ऐसा आर्थिक माहौल बनाया है जो विश्वास और आशावाद को जन्म देता है. इस माहौल के जरिए गरीबी को खत्म किया जा सकता है.
यूपी के गोरखपुर में एक कार्यक्रम के दौरान नारायणमूर्ति ने कहा, "लगभग 300 सालों में पहली बार हमारे पास एक आर्थिक वातावरण है जो विश्वास दिलाता है कि हम सच में अपनी गरीबी को दूर कर सकते हैं और लोगों के लिए एक बेहतर भविष्य बना सकते हैं." नारायणमूर्ति ने आगे कहा, '' हमारी अर्थव्यवस्था इस साल 6 से 7 फीसदी की दर से बढ़ रही है. भारत दुनिया का सॉफ्टवेयर विकास केंद्र बन गया है. वहीं विदेशी मुद्रा भंडार ने 400 बिलियन डॉलर को पार कर लिया है. इन हालातों में निवेशक का विश्वास ऐतिहासिक ऊंचाई पर है.''
नारायणमूर्ति ने आगे कहा, '' इसी के समनांतर हमारे देश में एक और भारत बसता है. उस भारत में भयानक गरीबी भुखमरी, कुपोषण और भ्रष्टाचार है. करोड़ों भारतीय न लिख सकते हैं और न पढ़ सकते हैं. लोगों को साफ पानी और जरूरी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. इन सभी का अनिश्चित भविष्य है. ऐसे हालात में हमें इन लोगों को साथ लेकर चलना होगा. अगर हम आज कड़ी मेहनत करते हैं, तो हम आखिरी लाइन में खड़े गरीब बच्चे की आंखों से आंसू पोंछ सकते हैं. ऐसा ही महात्मा गांधी भी चाहते थे.''
मूल्यों का संरक्षण करना देशभक्तिInfosys co-founder N R Narayana Murthy in Gorakhpur: While it's easy to drape ourselves in our national flag and shout 'Mera Bharat Mahaan' or 'Jai Ho', it is difficult to practice values. We have to identify ourselves as Indians first & rise above states,religion&caste. (22.08) pic.twitter.com/svjFOBf3HY
— ANI UP (@ANINewsUP) August 23, 2019
इसके साथ ही नारायण मूर्ति ने देशभक्ति को लेकर बन रहे अतिवाद के माहौल पर भी तंज किया. उन्होंने कहा कि तिरंगा लहराते हुए जोर जोर से 'जय हो' और 'मेरा भारत महान है' कहना आसान है लेकिन मूल्यों का संरक्षण करना मुश्किल. हमें खुद को पहले भारतीय के रूप में पहचानना होगा और राज्यों, धर्म और जाति से ऊपर उठना होगा. नारायणमूर्ति ने आगे कहा कि बोलने और भय से आजादी देश के स्वर्णिम भविष्य के लिए जरूरी है. इनका संरक्षण करना ही असली देशभक्ति है.