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म्यूचुअल फंड को लेकर कम हुआ भरोसा! निवेश में 27 फीसदी की आई गिरावट

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के मुताबिक निवेशकों ने वित्त वर्ष 2019-20 में इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड (एमएफ) योजनाओं में 81,600 करोड़ रुपये का निवेश किया.

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पिछले वित्त वर्ष में 81,600 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ
पिछले वित्त वर्ष में 81,600 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ

  • वित्त वर्ष 2019-20 में इक्विटी आधारित MF योजनाओं में 27% कम निवेश हुआ है
  • वित्त वर्ष 2018-19 में किए गए 1.12 लाख करोड़ के निवेश से 27 प्रतिशत कम है

वैसे तो शेयर बाजार में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं, लेकिन इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड (एमएफ) योजनाओं में निवेशकों की ज्यादा दिलचस्पी रही है. हालांकि, बीते साल के जो आंकड़े आए हैं, वो निराश करने वाले हैं. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड योजनाओं में 27 फीसदी कम निवेश हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक बीते वर्ष निवेशकों ने 81,600 करोड़ रुपये का निवेश किया. यह वित्त वर्ष 2018-19 में किये गए 1.12 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 27 प्रतिशत कम है.

क्या कहते हैं आंकड़े?

आंकड़ों के मुताबिक इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) समेत इक्विटी फंड में पिछले वित्त वर्ष में 81,600 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ. यह 2018-19 में 1,11,858 करोड़ रुपये था. इन निधियों में 2017-18 में 1,71,069 करोड़ रुपये, 2016-17 में 70,367 करोड़ रुपये, 2015-16 में 74,024 करोड़ रुपये और 2014-15 में 71,029 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ था. हालांकि, 2013-14 में 9,269 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी देखी गई थी.

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क्या है वजह?

पिछले वित्त वर्ष में कम निवेश का कारण शेयर बाजारों की अस्थिरता रही, जिससे निवेशकों में निवेश को लेकर संकोच था. हालांकि, पिछले वित्त वर्ष में निवेशकों ने मार्च में 11,485 करोड़ रुपये डाले, जो इस वर्ष का उच्चतम स्तर था. ये वो वक्त था जब देश कोरोना महामारी के संकट की ओर बढ़ रहा था.

ये पढ़ें—MF इंडस्ट्री पर कोरोना संकट! फ्रैंकलिन ने बंद की 6 स्कीम, फंसा निवेशकों का पैसा

मॉर्निंगस्टार इंडिया के अधिकारी हिमांशु श्रीवास्तव ने बताया कि महामारी की वजह से शेयर बाजारों में व्यापक अस्थिरता ने निवेशकों को फरवरी और मार्च में इक्विटी फंड में निवेश करने से नहीं रोका. वहीं एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) का उद्योग में योगदान 2018-19 में 92,693 करोड़ रुपये से बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये हो गया. उद्योग ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान औसतन 9.95 लाख एसआईपी खाते जोड़े, जिनका औसत आकार 2,750 रुपये था.

म्यूचुअल फंड पर कम हो रहा भरोसा!

बीते दिनों एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि म्यूचुअल फंड्स स्कीम को लेकर लोगों का भरोसा कम हुआ है. निवेशक अब म्‍यूचुअल फंडों से पैसा निकालकर बैंक के फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट में लगा रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक जब से फ्रैंकलिन टेंपलटन ने अपनी छह क्रेडिट स्‍कीमों को बंद करने का ऐलान किया है, उनकी पारंपरिक डिपॉजिट स्‍कीमों में निवेश की रफ्तार बढ़ी है. ये ट्रेंड ऐसे समय में देखा जा रहा है जब डिपॉजिट या बचत पर मुनाफा कम हो गया है.

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