नवंबर महीने में महंगाई की दर 0.0 प्रतिशत पर जा पहुंची. इसके पहले अक्टूबर में यह 1.77 प्रतिशत थी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में खाने-पीने के सामानों की महंगाई तीन साल के न्यूनतम स्तर पर जा पहुंची है.
सरकार ने सोमवार को थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़े जारी किए, जिनके मुताबिक खाने-पीने के सामानों, ईंधन और कारखानों में निर्मित सामानों की महंगाई में भारी गिरावट आई है. खाने-पीने के वस्तुओं की महंगाई दर गिरकर 0.63 प्रतिशत पर जा पहुंची है. ध्यान रहे कि जुलाई 2009 में महंगाई की दर गिरकर -0.3 प्रतिशत पर जा पहुंची थी.
इस अवधि में प्याज और आलू की कीमतों में गिरावट आई है, जबकि आलू के दाम स्थिर रहे. इसके विपरीत अंडे, मांस और मछलियों के दाम में बढ़ोतरी आई.
कारखानों में बनने वाली वस्तुओं जैसे चीनी, खाद्य तेल, कोल्ड ड्रिंक वगैरह और सीमेंट वगैरह के दाम नवंबर में 2.04 प्रतिशत गिरे. इसी तरह ईंधन और ऊर्जा की कीमतों में भी गिरावट आई है. अब रिजर्व बैंक को इस बात पर विचार करना होगा कि वह ब्याज दर में कटौती करे.
महंगाई के नाम पर इस केन्द्रीय बैंक ने ब्याज दरों में ताबड़तोड़ बढ़ोतरी की, जिससे मिडिल क्लास को बहुत चोट पहुंची. अभी भी रिजर्व बैंक के गवर्नर ब्याज दर में कटौती करने पर हिचकिचा रहे हैं.