एड्स मरीजों के लिए चल रही सरकारी योजनाओं में दवाओं की भारी कमी है जिसे पूरा करने के लिए मोदी सरकार ने एड्स की दवाओं पर आयात शुल्क हटाने का फैसला लिया है.
देश में तकरीबन 21 लाख एड्स के मरीज है, जिनमें से एक तिहाई से भी ज्यादा सिर्फ सरकारी दवाओं पर पूरी तरह आश्रित हैं, जो दवाओं की कमी की लगातार शिकायत करते रहे हैं. इन्हें सरकार के इस कदम से थोड़ी राहत पहुंचने के आसार हैं.
सरकार की तरफ से दवाओं की सप्लाई का जिम्मा एक अमेरिकी कंपनी के साथ-साथ अरबिंदो फार्मा के पास भी है.